वसीयत लिखने का अधिकार पिता का ही है : भाजपा

Samachar Jagat | Thursday, 05 Jan 2017 06:45:24 AM
Father will have the right to write: BJP

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच जारी विवाद को लेकर आज कटाक्ष किया कि भारतीय समाज में वसीयत लिखने का अधिकार पिता का ही है, पुत्र का नहीं और पिता को कानून में गरिमा से जीने का अधिकार हासिल है। 

भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में सपा में पिता-पुत्र के संग्राम पर चर्चा करते हुए कहा कि सपा का वर्तमान संकट यह है कि अधिकृत अध्यक्ष को अनधिकृत तरीके से हटाया गया है। इसी बात को लेकर लड़ाई चल रही है। 

उन्होंने कहा कि उन्हें सपा के संविधान की जानकारी तो नहीं है लेकिन विचारणीय बात यह है कि पार्टी अध्यक्ष की अनुमति के बिना राष्ट्रीय परिषद का अधिवेशन बुलाना तथा वर्तमान अध्यक्ष को हटाये बिना ही नया अध्यक्ष बनाना कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में वसीयत लिखने का अधिकार पिता को है, पुत्र को नहीं। हमारे देश के कानून में पिता को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार हासिल है। 

उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा किसी अन्य पार्टी की कमजोरियों नहीं बल्कि अपनी सकारात्मक खूबियों के आधार पर चुनाव लड़ेगी और अच्छे बहुमत से सरकार बनायेगी। उन्होंने कहा कि विकास एवं सुशासन ही भाजपा का एजेंडा होगा। उत्तर प्रदेश में 15 साल से विकास एवं सुशासन को वनवास मिला हुआ था। अब राज्य को जातिवाद, परिवारवाद, तानाशाही और अहंकार से मुक्ति चाहिये।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिता पुत्र की इस लड़ाई में मतदाता के मुद्दे गायब हैं। वर्ष 2012 का चुनाव बिजली पानी और सडक़ के मुद्दे पर लड़ा गया था। लेकिन इन पांच सालों में जनता को इनमें से कुछ नहीं मिला। शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी थी कि क्यों ना अखिलेश सरकार को बर्खास्त कर दिया जाये।

शर्मा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने ढाई साल में दो बार किसानों की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाये लेकिन राज्य सरकार ने गेहूं तैयार होने के बावजूद खरीदे ही नहीं। नतीजतन किसानों को कम मूल्य पर उपज आढ़तियों को बेचनी पड़ी। मुख्यमंत्री के पास ही गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का भी प्रभार है तो खराब कानून व्यवस्था तथा बदहाल स्वास्थ्य प्रणाली के लिये भी उन्हें ही जिम्मेदार माना जायेगा। 

नोटबंदी के निर्णय का उत्तर प्रदेश के चुनाव में असर के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि पांच नवंबर से 24 दिसंबर तक 17000 हजार किलोमीटर चलीं भाजपा की परिवर्तन यात्राओं के दौरान एक भी गांव में नोटबंदी को लेकर किसी भी व्यक्ति ने शिकायत नहीं की। इस दौरान दस हजार जगह स्वागत समारोह हुए, 31-32 बड़ी जनसभाएं हुईं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छह रैलियां हुईं। डेढ़ सौ युवा सम्मेलन, महिला सम्मेलन और पिछड़ा वर्ग सम्मेलन हुए। जबकि सपा का रथ डेढ़ सौ मीटर भी नहीं चल पाया। 

अन्य राज्यों की स्थिति पर चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) परायी मानी जा रही है। गोवा में रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के कमान संभालने के बाद स्थिति द्रढ़ हुई है। मणिपुर में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। -(एजेंसी)



 

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