नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कथित छेड़छाड़ के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि इस संबंध में सुनवाई 8 हफ्ते के बाद हो सकती है। अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करते हुए इसकी सुनवाई की तारीख तय करने का अनुरोध किया जिस पर सुनवाई करने पर उच्चतम न्यायालय ने हामी भर दी।
इससे पहले न्यायालय ने इस मामले सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं की थी लेकिन केन्द्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई अन्य राजनीतिक दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा या था।
मायावती ने 11 मार्च को उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के घोषित नतीजों में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए आरोप लगाया था कि ईवीएम के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई है। केजरीवाल ने भी पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार को लेकर ईवीएम में कथित गड़बडियों को लेकर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि गड़बडिय़ों की वजह से आप पार्टी के 25 प्रतिशत वोट कांग्रेस को हस्तांतरित करा दिए गए।
उन्होंने इसके बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों के चुनाव मतपत्रों के जरिए कराए जाने की मांग की थी। हालांकि उनकी इस मांग को खारिज कर दिया गया। चुनाव आयोग ने मायावती के आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए कहा है कि ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। कई बार मौका दिए जाने के बावजूद अभी तक कोई ईवीएम मशीन में गड़बड़ी किया जाना सिद्ध नहीं कर पाया है।