नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में AIADMK का चुनाव चिन्ह फ्रीज कर दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि शशिकला और पन्नीरसेल्वम में से कोई भी इस चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं करेगा।
आयोग ने दोनों ही गुटों पर पार्टी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं दोनों ही खेमें पार्टी के नाम का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि आरके नगर उप चुनाव में दोनों खेमों को अलग-अलग चिह्न दिए जा सकते हैं।
हालांकि दोनों खेमों ने पार्टी के चुनाव चिह्न के उपयोग पर चुनाव आयोग की रोक पर ताज्जुब जताया और कहा कि वे इसे वापस पाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।
जयललिता के बाद एआईएडीएमके पर काबिज होने की कोशश कर रहे शशिकला कैंप को इससे जोरदार झटका लगा है। इस मामले में सत्ताधारी गुट की अगुवाई महासचिव वीके शशिकला कर रही हैं, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं।
इस मसले पर पन्नीरसेल्वम धड़े के पंड्याराजन का कहना है कि उन्हें फिलहाल उसकी जानकारी नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा है कि दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिह्न भी दिए जा सकते हैं।
निर्वाचन आयोग के पास थे तीन विकल्प
आयोग या तो शशिकला गुट को या पन्नीरसेल्वम गुट को चिह्न आवंटित कर देता या चिन्ह को फ्रीज कर देता। चुनाव आयोग ने अंतिम विकल्प पर ही फैसला सुनाया। तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का आज गुरुवार को आखिरी दिन है।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मजबूत सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह नहीं मिलना आश्चर्यजनक और निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर चुनाव चिन्ह वापस लेकर रहेंगे।
जेल की सजा काट रही अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद वर्ष 1987 में पार्टी के चुनाव चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दी थी।