मोहाली। मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपए के नोट बंद करने के बाद सरकार ने 500 और 2000 रूपए के नए नोट चलाए। सरकार ने भ्रष्टाचार को कम करने के लिए पुराने नोट बंद किए लेकिन अब भी पंजाब के मोहाली में 2000 के नकली नोटों का एक ऐसा रैकेट पकड़ा गया है जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं। मोहाली में 21 साल के बीटेक के छात्र अभिनव वर्मा और उसकी 20 साल की कजिन विशाखा वर्मा ने एक स्कैनर के जरिए करीब 3 करोड़ कीमत के 2000 के नकली नोट छाप लिए। क्योंकि लोगों को नए नोट की पहचान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी इसलिए इन दोनों ने करीब 2 करोड़ रूपए के नोट बाजार में चला भी दिए। 2000 के नकली नोट छापने और बाजार में चला देने का यह देश का सबसे बड़ा मामला है।
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कैसे सामने आया मामला
अभिनव और विशाखा ने सिर्फ एक कंप्यूटर और एक स्कैनर के जरिए इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है। उन्होंने न सिर्फ नोट छापे बल्कि लोगों से पुराने नोट लेकर उन्हें नकली नोट दिए जिसके बल्दे में 30 फीसदी कमीशन भी लिया। मान लीजिए एक करोड़ की ब्लैकमनी (500-1000) के नोट व्हाइट करना है तो ये दूसरी पार्टी को 70 लाख ही देते थे। ये दोनों 1 करोड़ के असली नोट देकर 70 लाख के नकली नोट पकड़ा देते थे। ये लोग 2000 के नोटों की गड्डियों में ऊपर के दो नोट असली रखते थे जिससे किसी को भी शक ना हो।
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पुलिस के अनुसार उन्हें कई दिनों से इस बात की सूचना मिल रही थी कि कोई लडक़ा-लडक़ी लग्जरी गाड़ी में ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम कर रहे हैं। लग्जरी गाड़ी और उसके ऊपर लालबत्ती देख पुलिस वाले भी उनकी तलाशी लेने या उन पर किसी तरह का शक करने से हिचकते थे।
42 लाख रूपए के साथ गिरफ्तार
हालांकि अभिनव की किस्मत मंगलवार को उतनी अच्छी नहीं थी और उन्हें मोहाली के जगतपुरा में 42 लाख की जाली करंसी के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया गया। पूछताछ में पता चला कि चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित एक लाइव वेरल सॉल्यूशन नाम की कंपनी में इनका ऑफिस है। यहीं पर इन्होंने 2000 के नए असली नोट की स्कैनिंग कर 3 करोड़ से ज्यादा के जाली नोट तैयार किए थे।
जब इन दोनों को पकड़ा गया उस दौरान भी ये लालबत्ती लगी ऑडी कार में 42 लाख रुपए के जाली नोट लेकर जा रहे थे। इतनी बड़ी रकम को व्हाइट करने में होना था। इनके आलावा लुधियाना का रहने वाला बिचौलिया सुमन नागपाल भी गाड़ी में बैठा था, जो ग्राहक लेकर आ रहा था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद इनके ऑफिस से 20 लाख की जाली करंसी, कंप्यूटर, स्कैनर और कई अन्य सामान भी कब्जे में ले लिया है। इस रैकेट में दो ओर लोग शामिल हैं, जिनकी पुलिस फिलहाल तलाश कर रही है।
आरोपी मोदी के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट का हिस्सा
21 साल के आरोपी अभिनव के पिता हरियाणा गवर्नमेंट में अच्छे पद पर थे, लेकिन पिछले साल ही उनकी मौत हो गई जबकि अभिनव की मां लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। उसके साथ गिरफ्तार हुई मामा की बेटी विशाखा ने भी बीटेक की हुई है। 20 वर्षीय विशाखा कूपरथला में रहती है। बता दें कि जाली नोट कांड का मास्टरमाइंड अभिनव पीएम नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने वालों की लिस्ट में है।
अभिनव ने ब्लाइंड लोगों के लिए एक ऐसी टेक्नीक डेवलप की थी, जिससे उन्हें स्टिक का सहारा नहीं लेना पड़ता। अभिनव ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिसको दृष्टिहीन अंगूठी की तरह पहन सकते हैं। इससे सामने कोई भी चीज आने पर सैंसर आवाज करता है। वह लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी कर रहा था।
पुलिस के अनुसार 2 करोड़ के नकली नोट बाजार में जा चुके हैं। पुलिस बिचौलिए सुमन नागपाल से भी पूछताछ कर रही है। तीनों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर एक दिन की रिमांड पर ले लिया गया। जिन्होंनें नोट बदलवाए उन्हें भी पुलिस ढूंढ रही है।
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