नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी आज धुंध और धुएं की घनी चादर में लिपटी रही तथा दिवाली त्योहार के तीन दिन बाद भी प्रदूषण कणों की उच्च मात्रा के कारण वायु की गुणवत्ता घातक श्रेणी में बनी हुई है।
विशेषज्ञों के अनुसार कम तापमान और हवा में करीब बिल्कुल गति नहीं होना प्रदूषण के उच्च स्तर पर बने रहने के प्रमुख कारण हैं।
सुबह के समय प्रदूषण का शीर्ष स्तर पीएम 2.5 और पीएम 10 सुरक्षित सीमा से करीब दस गुना अधिक दर्ज किया गया। सभी निगरानी स्थलों पर दिन चढऩे के साथ इसका स्तर धीरे धीरे नीचे आया। इन सूक्ष्म कणों की सुरक्षित सीमा क्रमश 60 एवं 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट की अनुमिता रायचौधरी ने कहा, ‘‘हवा बहुत शांत है तथा तापमान भी ठंडा हो रहा है। इन सबके चलते प्रदूषणकण सतह के आसपास बने रहते हैं। किन्तु ऐसा प्रत्येक जाड़ों में होता है। तीव्रता भिन्न हो सकती है। दिल्ली वास्तव में अब एक गैस चैम्बर बन गई है।’’
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने दिवाली के काफी पहले कह दिया था कि 29 अक्टूबर से हवा की गतिविधियां बंद हो जाएंगी। इससे प्रदूषण कण बड़ी मात्रा में जमा हो रहे हैं।