नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के वासी लगातार प्रदूषक हवा में सांस लेने को मजबूर हैं क्योंकि हवा की गुणवत्ता ‘‘गंभीर जोन’’ में बनी हुई है लेकिन प्रदूषण को कम करने के आपातकालीन उपाय कहीं नजर नहीं आते हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी के नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स ने दिल्ली की हवा को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा है। यह एक ऐसी स्थिति है जो सेहममंद लोगों को प्रभावित कर सकती है और बीमार लोगों पर ‘‘गंभीर’’ असर डाल सकती है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी और वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च एसएएफएआर के मुताबिक पीएम 10 की मात्रा माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर में औसतन 194 है जबकि पीएम 2.5 की 342 है।
एसएएफएआर के धीरपुर और दिल्ली विश्वविद्यालय के दो निगरानी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता इंडेक्स गंभीर दर्ज की है जबकि शाम में अन्य को बहुत खराब श्रेणी में रखा गया था।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति डीपीसीसी के मुताबिक, पीएम 10 की मात्रा 1,007 है जो 10 गुना ज्यादा हैं। मानक तौर पर यह 24 घंटे के दौरान 100 होनी चाहिए। इसी तरह से पीएम 2.5 का मानक 60 है।