नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को किराया बढ़ाने का अपना फैसला टाल दिया। एक सूत्र ने कहा कि बोर्ड किराया निर्धारण समिति (एफसीसी) की सिफारिश के आधार पर दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाने पर निर्णय नहीं कर सका क्योंकि दिल्ली के मुख्य सचिव के के शर्मा बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
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बोर्ड के सदस्य और साथ ही एफसीसी के सदस्य शर्मा ने समिति की सिफारिशों पर हस्ताक्षर किया था। शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली मेट्रो के यात्री किराए में बढ़ोतरी की सिफारिश करने के लिए समिति का गठन किया था। सूत्र ने कहा कि बैठक में वित्त सचिव ने दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया और दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट के अध्ययन के लिए और समय मांगा।
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सूत्र ने कहा कि इस स्थिति में डीएमआरसी के चैयरमैन एवं शहरी विकास सचिव राजीव गौबा के पास विषय को लेकर फैसला टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। सितंबर में समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कथित रूप से न्यूनतम किराया मौजूदा आठ रुपए से बढ़ाकर दस रुपए और अधिकतम किराया मौजूदा 30 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए करने की सिफारिश की गई।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने आखिरी बार 2009 में किराया बढ़ाया था। सरकार ने किराये की समीक्षा के लिए इस साल जून में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम एल मेहता के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।
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