राजधानी दिल्ली खतरनाक प्रदूषण की जद में, सोमवार को भी हो सकती स्कूलों की छुट्टी!

Samachar Jagat | Sunday, 06 Nov 2016 11:38:20 AM
dangerous pollution and fog in capital delhi ngt object

नई दिल्ली। दीपावली पर राजधानी में हुई आतिशबाजी और पड़ोसी राज्यों में फसलों के कचरा जलाये जाने से राजधानी में पिछले एक सप्ताह से फैले प्रदूषण से लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। 

शनिवार को प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूटने के बाद रविवार सुबह भी लोगों को इससे राहत नहीं मिली। 

प्रदूषण से बेहाल लोग अब सड़कों पर उतरने लगे हैं। जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर लोगों ने प्रदूषण को लेकर अपना रोष प्रकट किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरभवद केजरीवाल ने आज दिन में मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलायी है। कल शाम वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे से भी मिले थे। सोमवार को पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक भी बुलायी गई है। 

प्रदूषण की वजह से दिल्ली के तीनों नगर निगमों के स्कूलों में शनिवार को छुट्टी या अवकाश रखा गया था और हालात इतने ही बदतर रहे तो सोमवार को भी छुट्टी हो सकती है। आज सुबह आर.के.पुरम और पंजाबी बाग पर पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का स्तर 999 रहा जो खतरनाक स्तर की तुलना में कई गुणा अधिक है। आज इंदिरा गांधी हवाईअड्डे और शांति पथ पर भी यह खतरनाक स्तर की तुलना में कई गुणा अधिक बना हुआ है। 

प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीजों को ही नहीं आम लोगों को भी सांस लेने में खासी दिक्कत हो रही है। लोग सड़कों पर मास्क लगाकर निकल रहे है और पिछले कुछ दिनों में मास्क की मांग भी बढ़ गई है। अस्पतालों में भी सांस के मरीजों की संख्या में बढ़ रही है। 

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को बुरी तरह लताड़ा था। न्यायाधिकरण ने दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि दिल्ली गैस चैम्बर के रूप में तब्दील होती जा रही है और सरकारें केवल बैठकें ही कर रही है। प्रदूषण को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे है। न्यायाधिकरण ने आठ नवम्बर को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के सचिवों को तलब किया हुआ है।

उपराज्यपाल नजीब जंग ने राजधानी में प्रदूषण की बदतर स्थिति पर चर्चा करने के लिए कल उच्च स्तरीय बैठक बुलायी गयी है। श्री केजरीवाल ने भी इस मामले में श्री जंग से मुलाकात की।

केजरीवाल का आरोप है कि पंजाब में धान की पुराली जलाये जाने से राजधानी में प्रदूषण की स्थिति पर असर पड़ा है।

गौरतलब है कि न्यायाधिकरण ने सुनवायी करते हुए दिल्ली सरकार को लताड़ते हुए कहा था कि दिल्ली से 10 साल पुरानी डीजल गाड़यिों को अभी तक सड़कों से क्यों नहीं हटाया गया। दक्षिणी दिल्ली में कई क्षेत्रों में भवन निर्माण के काम में नियमों की पूरी तरह अनदेखी हो रही है। निर्माण कार्यो से उडऩे वाली धूल प्रदूषण का बड़ा कारण है। न्यायाधिकरण ने दिल्ली सरकार को 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों को सड़कों से हटाने के अपने निर्देश पर अमल करने के लिये कहा था।



 

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