नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करके भ्रष्टाचार और कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिए है। ऐसे में 2.5 लाख रुपये तक की रकम बैंकों में जमा कराने वालों को भी ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये लोग भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। सरकार अघोषित धन रखने वालों से जुड़ी जिस योजना पर काम कर रही है, उसके तहत ढाई लाख रुपये तक डिपॉजिट करने वालों से भी सवाल-जवाब किए जा सकते हैं।
सरकार इस सप्ताह संसद में एक अमेंडमेंट पेश कर सकती है। लोग रद्द किए जा चुके नोटों के जरिए बेहिसाब रकम जमा कर रहे हैं, उनके लिए इस अमेंडमेंट के जरिए यह व्यवस्था की जाएगी कि वे 50 पर्सेंट टैक्स चुकाएं और 25 पर्सेंट रकम चार वर्षों के लिए जीरो पर्सेंट इंटरेस्ट पर लॉक करें। इस तरह उनके पास तत्काल उपयोग के लिए बेहिसाबी रकम का केवल 25 पर्सेंट हिस्सा बचेगा।
इस स्कीम के तहत एक सीमा से ऊपर के सभी बड़े डिपॉजिट्स के मामले में जमाकर्ता से पैसे के स्त्रोत के बारे में पूछा जा सकता है और यह सवाल किया जा सकता है कि उससे 50 पर्सेंट टैक्स क्यों न लिया जाए और 25 पर्सेंट रकम अनिवार्य रूप से जीरो इंटरेस्ट पर क्यों न जमा कराई जाए।
टैक्स अधिकारी रद्द हुए नोटों वाले सभी बड़े डिपॉजिट्स की जांच कर सकते हैं ताकि यह देखा जा सके कि कहीं यह अनएकाउंटेड वेल्थ तो नहीं है या किसी परिवार के विभिन्न सदस्यों के खातों में ऐसी रकम को बांटकर तो जमा नहीं किया जा रहा है। इनकम टैक्स विभाग 10 नवंबर से 30 नवंबर तक के बीच किसी खाते में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के हर कैश डिपॉजिट की रिपोर्ट लेगी। डिपार्टमेंट इस रकम का मिलान जमाकर्ताओं की ओर से फाइल किए गए इनकम रिटर्न से करेगा और उचित कार्रवाई की जा सकती है।