चेन्नई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शनिवार को अल्पसंख्यकों को आश्वासन दिया कि शिक्षा संबंधी ‘‘संवैधानिक प्रावधानों’’ में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी नहीं दी है। जावडेकर ने कहा कि कैबिनेट ने नयी शिक्षा नीति पर किसी मसौदा प्रारूप को मंजूरी नहीं दी है। यह अभी निर्माण के चरण में है।
कुछ सुझाव हैं जिन्हें प्रकाशित किया गया है। कुछ लोगों और संगठनों ने सोच लिया कि यह नई शिक्षा नीति है और तमिलनाडु तथा केरल में प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सोच लिया कि अल्पसंख्यक शिक्षा को वापस ले लिया जाएगा। मैं स्पष्टीकरण दे दूं कि हम शिक्षा संबंधी संवैधानिक प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं चाहते।
भारतीय जैन संगठन द्वारा शिक्षा पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए जावडेकर ने कहा कि संविधान ने अल्पसंख्यक संस्थानों के लिए खास स्वतंत्रता और प्रावधान मुहैया कराए हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति से जुड़े विवाद के बारे में कहा कि कभी कभी धारणाएं एक अलग परिदृश्य बना देती हैं। बाद में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि नीति के संबंध में किसी मसौदे को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हमें हजारों सुझाव मिले हैं।
हम उन सबका समर्थन लेंगे और एक नया मसौदा तैयार करेंगे जिसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न पक्षों को साथ लिया जाएगा। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि शिक्षा कोई राजनीति एजेंडा नहीं बल्कि राष्ट्रीय एजेंडा है और उन्होंने सांसदों की एक बैठक 10 नवंबर को बुलायी है। उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा सांसदों ने कहा कि वे आ रहे हैं क्योंकि यह राष्ट्रीय सहमति है।