नई दिल्ली । गोरक्षा को देश के अस्तित्व और अस्मिता का विषय बताते हुए भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को कहा कि गोहत्या पर रोक का संवैधानिक प्रावधान होने के बाद भी आजादी के बाद से इसे क्रियान्वित नहीं किया गया और अब ऐसा वक्त आ गया है कि गोहत्या पर सम्पूर्ण पाबंदी लगाया जाए और हमेंं इसका पूरा भरोसा है।
गोरक्षा संकल्प समिति, राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन एवं विभिन्न संगठनों के तत्वावधान में दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर आयोजित साधु संतों के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि गोरक्षा हमारे अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा का सवाल है। गाय की रक्षा करना देश की रक्षा करना है क्योंकि अभी तक ग्रामीण जीडीपी में गाय का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि गऊ की रक्षा के लिए गोवध पर सम्पूर्ण रोक लगनी चाहिए।
गोरक्षा के बारे में हमारे संविधान में प्रावधान हैं। इसे क्रियान्वित करने का भी विधान है। हर सरकार को यह करना है लेकिन आजादी के बाद से सरकारों ने ऐसा नहीं किया। स्वामी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अब हम ऐसे मोड़ पर आ गए हैं कि गोहत्या पर निश्चित तौर पर प्रतिबंध लगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने राम सेतु के मामले में सफलता हासिल की, राम मंदिर के विषय पर भी सफलता का विश्वास है और अब गोरक्षा का विषय लिया है और सभी के आशीर्वाद से इसमें भी सफलता मिलेगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि गोपालकों को गाय पालन करने के लिए सब्सिडी दी जाए।
स्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में मांस के निर्यात पर सब्सिडी दी गई थी और अब इसे बंद किया जा रहा है। लेकिन तस्करों द्वारा बांग्लादेश में गाय को भेजना अभी भी एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गायों को ट्रकों में ले जाने पर रोक लगाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में प्रावधान करने की जरूरत है।