नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सरकार के नोट बंद करने पर राजनीतिक दलों की आलोचना को ‘‘गैरजिम्मेदार’’ बताकर खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोगों को तंत्र की सफाई से दिक्कत है।
जेटली ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंक जमा में उछाल सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की जमा रकम से हुआ । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा के दोस्तों को इस अभियान के बारे में पहले बता दिया गया था।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘विभिन्न तरीके की राजनीतिक प्रतिक्रिया आ रही है और उसमें से कुछ गैरजिम्मेदाराना है । कुछ लोगों को राजनीतिक तंत्र की सफाई के इस प्रयास से दिक्कतें हो रही है।’’
लोगों को एक हफ्ते का मौका दिए जाने के सुझावों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हर किसी को खुली छूट मिल जाएगी और इससे तंत्र की सफाई का पूरा खेल बिगड़ जाएगा।
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक जमा में उछाल को लेकर आलोचना पर जेटली ने कहा, ‘‘एक और गैर जिम्मेदाराना बयान दिया गया है चूंकि जुलाई-सितंबर के बीच बैंक जमा में बढ़ोतरी हुयी इसलिए लेागों को इस बारे में पहले से जानकारी थी।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने आरबीआई का आंकड़ा देखा है जिसमें दिखता है कि सितंबर में जमा में उछाल हुआ है और यह 31 अगस्त को वेतन आयोग की बकाया राशि एरियर के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने कहा, और लोग आंकड़ा के आधार पर ‘‘मनगढंत कहानियां’’ गढ़ रहे हैं।