जलवायु और लोकतंत्र की रक्षा के सुझाव देने वाले बच्चे राष्ट्रपति भवन में सम्मानित

Samachar Jagat | Tuesday, 08 Nov 2016 12:32:11 PM
Climate for democracy and honored that suggest children at Rashtrapati Bhavan

नई दिल्ली। जहरीली धुंध से घिरी राजधानी में जहां प्रदूषण कम करने के तमाम उपायों पर विचार किया जा रहा है, ऐसे में राष्ट्रपति के हाथों एक ऐसी छात्रा को पुरस्कृत किया गया हैै, जिसने वाहनों में ईंधन की बर्बादी रोकने के लिए नैतिक तौर पर प्रेरित करने वाली प्रणाली तैयार की है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट प्रतियोगिता- 2016 के जरिए चुनी गई इस बच्ची के साथ 31 अन्य नन्हें इनोवेटर भी कल राष्ट्रपति भवन में पुरस्कृत किए गए।

किसी बच्चे ने चुनावों के दौरान धांधली की संभावना खत्म करने के लिए ईवीएम के आंकड़ों को तत्काल एक नियंत्रणकक्ष में स्थानांतरित कर देने का सुझाव दिया था तो किसी ने ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट डाटा के बेहतर प्रबंधन की प्रणाली सुझाई थी। भुवनेश्वर की प्रियंका पांडा ने वाहनों में एक ऐसी प्रणाली लगाने का सुझाव दिया है, जो वाहन के गतिशील न होने लेकिन इंजन के चालू होने पर ओडोमीटर के पास लगी एक स्क्रीन पर संदेश प्रसारित कर सकता है।

यह संदेश वाहन चालक को ईंजन बंद करने के लिए नैतिक तौर पर प्रेरित करने वाला होगा। पुरस्कार समारोह के दौरान प्रियंका ने ‘भाषा’ को बताया कि मैंने यातायात सिगनल पर देखा है कि लोग अकसर अपने वाहन का इंजन बंद नहीं करते। इससे ईंधन तो बर्बाद होता ही है साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है। मैंने इस समस्या को हल करने के लिए इस प्रणाली का सुझाव दिया। उसने कहा कि इस प्रणाली में एक चिप वाहन के एग्जॉस्ट के पास और एक सेंसर ओडोमीटर पर लगाया जाता है।

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ओडोमीटर के साथ एक छोटी स्क्रीन भी लगेगी। अगर वाहन के रूके होने पर भी एग्जॉस्ट की चिप को ईंधन के दोहन का संकेत मिलता है तो वह ओडोमीटर की स्क्रीन पर संदेश प्रसारित करता है कि आपने अपने ईंधन की फलां मात्रा को बर्बाद कर दिया या अपने जीवन से फलां साल कम कर दिए।

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प्रतियोगिता के प्रमुख आयोजक राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के कार्यकारी उपप्रमुख प्रोफेसर अनिल के गुप्ता ने कहा कि इस प्रतियोगिता का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि देश के कोने-कोने में फैली प्रतिभाओं और विज्ञान के बीच एक सेतु बन सके। हमारा उद्देश्य बच्चों के मन की संवेदना को बढ़ावा देना है ताकि समस्याओं को हल करने के नए-नए समाधानों का सृजन हो सके।

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