चंडीगढ़। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि अगर सरकार की स्वच्छ भारत व डिजिटल इंडिया जैसी नवोन्मेषी पहलों का कार्यान्वयन सफलतापूर्वक होता है तो भारत ‘दुनिया में एक आधुनिक आर्थिक शक्ति’ बनेगा।
उन्होंने कहा कि भारत इस समय दूसरी हरित क्रांति की दहलीज पर खड़ा है इसलिए देश को आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए फसलों की उपज बढ़ाने के बारे में इस्राइल से सीखना होगा।
राष्ट्रपति प्रणब आज यहां
उद्योग मंडल सीआईआई के एग्रोटेक सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आर्थिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में अनेक नई पहलें की हैं, विशेषकर मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्मार्ट इंडिया व डिजिटल इंडिया- इन सभी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन इस प्राचीन सभ्यता को दुनिया की संपन्न, गतिशील व आधुनिक आर्थिक शक्ति में बदलेगा।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि आधुनिक आर्थिक शक्ति बनने के लिए ‘हमारे संसाधनों के प्रभावी इस्तेमाल’ तथा कृषि उत्पादकता को उच्च स्तर पर लाने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस्राइल से सीखने की जरूरत है जिसने कम खपत वाली सिंचाई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कतरे हुए उच्चतम फसल उत्पादकता हासिल की है।
उन्होंने देश को खाद्य अधिशेष व जल अधिशेष राष्ट्र बनाने के लिए इस्राइल के प्रयासों की सराहना की।
सीआईआई के कार्यक्रम में इस्राइल के राष्ट्रपति रूवन रिवलिन विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ बनाने से से ‘दुनिया में जादू’ हो सकता है क्योंंकि दोनों देशों में व्यापक वृद्धि की संभावनाए हैं।
उन्होंने कहा कि जब इस्राइली कंपनियां व भारतीय किसान मिलते नेटवर्किंग करते हैं तो वे मिलकर जादू कर रहे हैं। आपने एक बार कहा था कि हर देश का आगे बढऩे का अपना तरीका होता है।