मदुरै। दो राज्यों की पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में एनआईए ने सोमवार को तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जो संदिग्ध तौर पर अल कायदा से हमदर्दी रखने वाले एक समूह का हिस्सा हैं और अप्रैल से केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अदालत परिसरों में पांव विस्फोटों में कथित रूप से शामिल हैं।
एनआईए ने तलिनाडु और तेलंगाना पुलिस के साथ मिलकर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर अदालत परिसरों में हुए विस्फोटों में उनकी संलिप्ता के लिए चार युवकों को पकड़ लिया।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि निरंतर पूछताछ के दौरान, चार में से तीन ने इन विस्फोटों में अपनी भूमिका मान ली है। उन्होंने कहा कि चार में तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि चौथे व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है।
ये मामले सात अप्रैल को आंध्र प्रदेश के चित्तूर में जिला अदालत परिसर पार्किंग में खड़े एक वाहन के अंदर विस्फोट, 15 जून को केरल के कोल्लम में सीजेएम अदालत परिसर में पार्किंग क्षेत्र में, एक अगस्त को मैसूरू में एक अदालत परिसर में, 12 सितंबर को आंध्र प्रदेश के नेल्लूर में और एक नवंबर को केरल के मालाप्पुरम में हुए विस्फोटों से संबधित हैं।
गिरफ्तार किए गए युवकों में मदुरै निवासी अब्बास अली 27 चेन्नई निवासी सुलेमान 23 और मदुरै निवासी समसुन करीम राजा शामिल हैं।
अली आठवी कक्षा तक पढ़ा हुआ है और पेंटर का काम करता है। वह मदुरै में ‘दारूल इल्म’ नाम से एक पुस्तकालय भी चलाता है। सुलेमान एक सॉफ्टवेयर की कंपनी में काम करता है और आतंकी गिरोह का प्रमुख नेता है।
राजा वाणिज्य में स्नातक है और मदुरै में चिकन ब्रायलर की दुकान चलाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि चौथे संदिग्ध मदुरै के मोहम्मद अयूब अली 25 की भूमिका का एनआईए परीक्षण कर रही है। वह हियरिंग एड कंपनी में जन संपर्क अधिकारी के तौर पर काम करता है।
समूह ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी और ‘द बेस मूवमेंट’ के नाम से पर्चे, पेन ड्राइव और सीडी बांटी थी। यह अल कायदा शब्द का अनुवाद है।
गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्तियों को चेन्नई और मदुरै की अदालतों में पेश कर ट्रांजिट हिरासत मांगी जाएगी ताकि बेंगलुरू में उन्हें एनआईए की विशेष अदालत में लाया जा सके, जहां एनआईए ने मैसूरू विस्फोट के संबंध में एक मामला दर्ज किया है।