नई दिल्ली। मुम्बई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को करीब 10 करोड़ रुपए का चूना लगाने के मामले में उसके एक पूर्व सहायक महाप्रबंधक एजीएम तथा चार अन्य को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
सीबीआई प्रवक्ता ने यहां बताया कि अदालत ने पूर्व एजीएम दीपेंद्र नानुभाई उपाध्याय, सीए महेश लालचंद जायसवाल, कपड़ा व्यापारी भरत सी वेदांत और उसके कर्मचारी संदीप रमेश वेदांत एवं संदेश रामचंद्र नागे को सजा सुनायी।
प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में वर्ष 2004 में एक मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि वर्ष 2001 में इस बैंक अधिकारी ने वेदांत के साथ मिलकर साजिश रची तथा तीन फर्मों को विभिन्न रिण सुविधाओं के तहत फंड एवं संबंधित अवैध लाभ पहुंचाए।
बैंक को प्रत्यभूति के तौर पर फर्जी दस्तावेज सौंपे गए थे। फलस्वरूप बैंक को 9.62 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।