नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI ) ने मुंबई में एक विशेष अदालत के जरिए ब्रिटेन से शराब कारोबारी विजय माल्या को वापस देश लाने के लिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की। जांच एजंसी ने माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट हासिल किए, जिसके बाद विशेष अदालत से ब्रिटेन के सक्षम प्राधिकार से माल्या के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया।
CBI सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि माल्या दो मार्च को देश छोडक़र चले गए थे और उसके बाद से लौटे नहीं हैं। सीबीआइ ने 16 अक्तूबर, 2015 को माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की अपील की थी कि अगर माल्या देश छोडऩे का प्रयास करें तो उन्हें निकासी स्थल पर ही हिरासत में ले लिया जाए।
नवंबर में करीब एक महीने बाद एजंसी ने संशोधित सर्कुलर के लिए कहा जहां उसने आब्रजन ब्यूरो से कहा कि वह केवल उसे उनकी रवानगी और यात्रा योजनाओं की जानकारी दे। एजंसी के सूत्रों के अनुसार लुकआउट सर्कुलर इसे जारी करने वाले प्राधिकार पर निर्भर करता है और जब तक वे बीओआइ से किसी व्यक्ति को विमान में सवार होने से रोकने या हिरासत में लेने के लिए नहीं कहते, कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
सूत्रों ने बताया कि CBI की तरफ से लुकआउट नोटिस में बदलाव किए जाने के बाद बीओआइ ने उन्हें विदेश यात्रा पर जाने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया और जब भी वह यात्रा पर गए, एजंसी को उसकी जानकारी दी गई।माल्या आइडीबीआइ से 900 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान नहीं करने के लिए सीबीआइ की जांच का सामना कर रहे हैं। माल्या पर विभिन्न बैंकों का 9000 करोड़ रुपए बकाया है।
बंद हो चुकी किंगफिशर एअरलाइंस को कर्ज देने वाले 17 बैंकों का कंसोर्टियम स्टेट बैंक आफ इंडिया सात हजार करोड़ रुपए की वसूली के लिए एअरलाइंस के चेयरमैन माल्या के खिलाफ बंगलुरु में कर्जवसूली प्राधिकरण (डीआरटी) में चला गया था। CBI ने कर्ज सीमा संबंधी नियमों का उल्लंघन कर कर्ज देने के लिए माल्या, किंगफिशर एअरलाइंस के प्रमुख वित्त अधिकारी ए रघुनाथन और आइडीबीआइ बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
CBI ने आरोप लगाया था कि आइडीबीआइ ने माल्या को जो 900 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था, वह कर्ज सीमा संबंधी नियमों का उल्लंघन था। एजंसी ने बाद में अन्य कर्जदाता बैंकों को शामिल करते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया। माल्या ने एअरलाइंस को दिए गए कर्ज के बारे में हाल में एक बयान में स्थिति साफ करते हुए कहा था कि अप्रैल 2013 से बैंक और उनके संपत्ति भागी शेयरों की बिक्री से कुल 1244 करोड़ रुपए की नकद वसूली कर चुके हैं।