नई दिल्ली। नोट बंदी के मुद्दे पर संसद के बाहर बयान देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस अभी विचाराधीन है। राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन ने आज शून्य काल में बताया कि कांग्रेस के शांता राम नाईक ने प्रधानमंत्री के खिलाफ जो विशेषाधिकार नोटिस दिया है वह विचाराधीन है। सभापति हामिद अंसारी इस नोटिस पर अपना अंतिम निर्णय लेंगे।
नाईक ने शून्य काल में जब यह मामला उठाया तो कुरियन ने यह जवाब दिया। उन्होंने कहा की मोदी नोट बंदी के मुद्दे पर संसद के बाहर तो कई बार बयान दे चुके हैं लेकिन संसद में उन्होंने आज तक कोई बयान नहीं दिया जो संसद के विशेषाधिकार का उल्लंघन है।
मोदी ने प्रधानमंत्री बनते समय जो शपथ ली थी उसका यह उल्लंघन है क्योंकि उन्होंने संविधान के मूल्यों की रक्षा का वचन दिया था। नाईक ने लोकसभा की नियमावली के नियम 187 और नियम 188 के तहत यह नोटिस दिया है।
शून्य काल में कांग्रेस के सुब्बा रामी रेड्डी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने उनके एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया था कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पास नगदी की कमी नहीं है जबकि बैंकों में नोट बंदी बंदी के बाद लोगों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। इस पर कुरियन ने कहा कि जब नोट बंदी संबंधी काम रोको प्रस्ताव पर दोबारा चर्ची शुरू होगी तो सरकार इस बात का जवाब देगी।