मुंबई। 500 और 1000 रूपए की नोटबंदी के चलते मां-बाप के फीस न दे पाने पर एक महिला डॉक्टर ने नवजात बच्चे के इलाज से इन्कार कर दिया। लिहाजा बच्चे की मौत हो गई।
नवजात के पिता और पेशे से बढ़ई जगदीश शर्मा ने महिला डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। डॉक्टर पर लापरवाही के चलते मौत का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक शर्मा की पत्नी किरन के प्रसव की संभावित तिथि 7 दिसंबर थी। लेकिन उसे 9 नवंबर को ही प्रसव पीड़ा होने लगी। उसे अस्पताल ले जाने से पहले घर में ही उसने बेटे को जन्म दिया।
फीस के तौर पर शर्मा ने 500 रूपए के नोट में छह हजार रूपए डॉक्टर को दिए। लेकिन डॉक्टर ने उसे लेने से इन्कार कर दिया। शर्मा का आरोप है कि उन्होंने डॉक्टर से बड़ी मिन्नतें कीं कि वह 500 रूपए से छोटे नोटों की व्यवस्था थोड़ी ही देर में कर देंगे।
लेकिन डॉक्टर नहीं मानी और उन्हें वहां से भगा दिया। इसके बाद मां और बच्चे को दूसरे अस्पताल ले जाया गया। वहां नवजात की तबियत बिगड़ती गई और इलाज मिलने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच चल रही है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने भी साफ निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों को अगले कुछ घंटों तक इलाज के लिए 500 और एक हजार रूपए के नोट स्वीकार करने होंगे।