कोयम्बटूर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग न केवल एक शारीरिक कसरत है बल्कि यह शरीर और मस्तिष्क को भी शुद्ध रखता है तथा परिवार में भी समझ कायम रखता है।
मोदी ने यहां से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित इशा योग केंद्र में 112 फुट ऊंचे शिव की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि अगर एक बार योग सीखना शुरु कर लिया जाये तो इससे ना केवल लोगों की जीवनशैली पूरी तरह बदल जाती है बल्कि उन्हें अन्य विकारों से छुटकारा पाने में भी मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, आज योग ने एक लंबा सफर तय कर लिया है। योग की खूबसूरती प्राचीन है लेकिन सिर्फ इसलिए किसी चीज का खारिज कर देना कि यह प्राचीन है ऐसा संभवत: हानिकारक हो सकता है। योग का मूलतत्व नहीं बदला है। उन्होंने 21वीं सदी में लोगों की जीवनशैली में बदलाव का उल्लेख करते हुये कहा कि इस बदलाव के साथ हमारी चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। जीवनशैली से संबंधित बीमारियां बढ़ रही है और यह बहुत सामान्य होते जा रही है।
मोदी ने कहा कि इस बात के भी साक्ष्य हैं कि योग के अभ्यास से तनाव और किसी गंभीर स्थिति से निपटने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, अगर शरीर मस्तिष्क का मंदिर है तो योगा इसे एक सुंदर मंदिर का रुप देता है और इसीलिये मैं योग को स्वास्थ्य बीमा का पासपोर्ट मानता हूं।
मोदी ने कहा, योग के जरिये हम एक नये युग- मैत्री एवं एकता के युग का निर्माण करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का विचार रखा था और समूचे विश्व में 21 जून 2015 और 2016 को योग दिवस मनाया गया। कोरिया हो या कनाडा, स्वीडन हो दक्षिण अफ्रीका विश्व के प्रत्येक हिस्से में योग दिवस के आयोजन किये गये और योग गुरुओं ने इसकी सराहना की। -(एजेंसी)