अनिल प्रजापत
जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज यानी शुक्रवार को अपना 70वां जन्मदिन मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं और कांग्रेसी लीडर-कार्यकर्ताओं ने सोनिया को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर, 1946 को हुआ था। सोनिया ने 1968 में राजीव गांधी से विवाह किया था और तब से अब सोनिया भारत में ही रह रही है। लेकिन, सोनिया का अतीत भी काफी दिलचस्प है। यह बात बहुत ही कम लोगों को पता है कि राजीव गांधी सोनिया का पहला प्यार नहीं था। सोनिया गांधी को 16 साल की उम्र में ही 26 साल के एक खूबसूरत फुटबॉल खिलाड़ी से प्यार हो गया था।
उस समय सोनिया इटली में ही रहती थी। सोनिया गांधी जिनका असली नाम एंटोनिया माइनो था और फुलबॉलर फ्रांको लुइसो के साथ उनका रिश्ता चार साल तक रहा। इस खबर से दोनों के परिजन परिचित थे। लेकिन, सोनिया शादी की जिद कर बैठी और फ्रांको अपने करियर को लेकर चिंतित थे। इसलिए उन्होंने शादी के लिए थोड़ा इंतजार करने की सलाह दी। इसी बात ने सोनिया का दिल तोड़ दिया और फिर सोनिया 1964 में इंग्लैंड चली गईं। यहां उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई।
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धीरे-धीरे वक्त बीतता गया और फ्रांको को भी अपनी नई जीवनसंगनी मिल गई। फ्रांको ने नोरा से शादी कर ली। जब नोरा को फ्रांको की लव स्टोरी का पता चला तो वह काफी डर गई और सोनिया से मन ही मन जलने लगी। इधर, इंग्लैण्ड में सोनिया बड़ी और समझदार हो चुकी थीं। राजीव गांधी के तौर पर उन्हें एक बेहतर हमसफर मिल गया था। सोनिया अपने पहले प्यार को भूल चुकी थीं। वह समझ चुकी थीं कि बचपन में ऐसी नादानियां होती हैं।
सोनिया का जीवन परिचय
सोनिया का जन्म वैनेतो, इटली के क्षेत्र में विसेन्ज़ा से 20 किमी दूर स्थित एक छोटे से गांव लूसियाना में हुआ था। उनके पिता स्टेफिनो मायनो एक भूतपूर्व फासिस्ट सिपाही थे, जिनका निधन 1983 में हुआ। उनकी माता पाओलो मायनों हैं। उनकी दो बहनें हैं। 1964 में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में बेल शैक्षणिक निधि के भाषा विद्यालय में अंग्रेजी भाषा का अध्ययन करने गईं, जहां उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई जो उस समय ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज में पढ़ते थे। 1968 में दोनों का विवाह हुआ जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं। राजीव गांधी के साथ विवाह होने के काफी समय बाद उन्होंने 1983 में भारतीय नागरिकता स्वीकार की। सोनिया के दो संतान हैं, बेटा राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी।
सोनिया के राजनीति करियर पर एक नजर
21 मई 1991 में पति राजीव गांधी की हत्या के बाद वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा कर दी। परंतु सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया। काफी समय तक राजनीति में कदम न रख कर उन्होंने अपने बेटे और बेटी का पालन-पोषण करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उधर, पी वी नरसिंहाराव के प्रधानमंत्रित्व काल के पश्चात कांग्रेस 1996 का आम चुनाव भी हार गई, जिससे कांग्रेस के नेताओं ने फिर से नेहरु-गांधी परिवार के किसी सदस्य को लाने की मांग की।
सोनिया गांधी ने 1997 में कोलकाता के प्लेनरी सेशन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की और उसके 62 दिनों के अंदर 1998 में वो कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। सोनिया गांधी अक्टूबर 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक से और साथ ही अपने दिवंगत पति के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ीं और करीब तीन लाख वोटों की विशाल बढ़त से विजयी हुईं। 1999 में 13वीं लोक सभा में वे विपक्ष की नेता चुनी गई। 16 मई 2004 को सोनिया गांधी 16-दलीय गंठबंधन की नेता चुनी गईं जो वामपंथी दलों के सहयोग से सरकार बनाता जिसकी प्रधानमंत्री सोनिया गांधी बनती। सबको अपेक्षा थी की सोनिया गांधी ही प्रधानमंत्री बनेंगी। परंतु एन डी ए के नेताओं ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल पर आक्षेप लगाए। 18 मई को सोनिया ने मनमोहन सिंह को अपना पीएम उम्मीदवार बताया।
मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने पर सोनिया को दल का तथा गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया। 23 मार्च 2006 को सोनिया ने राष्ट्रीय सुझाव समिति के अध्यक्ष के पद और लोकसभा का सदस्यता दोनों से त्यागपत्र दे दिया। मई 2006 में वे रायबरेली, उत्तरप्रदेश से पुन: सांसद चुनी गईं। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर यूपीए के लिए देश की जनता से वोट मांगा। एक बार फिर यूपीए ने जीत हासिल की और सोनिया यूपीए की अध्यक्ष चुनी गईं। तब से अब तक सोनिया गांधी यूपीए और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष है।
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