लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बिजनौर जिले में बम धमाकों के पांच संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे मुकदमों की कार्यवाही पर आज रोक लगा दी। अदालत ने पाँचो आरोपियों की अपील विचारार्थ मंजूर करते हुए 28 नवंबर को पूरा रिकॉर्ड भी तलब कर लिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार व न्यायमूर्ति महेंद्र दयाल की खंडपीठ ने अपीलार्थी हुसना, सुल्तान एवं तीन अन्य की ओर से दायर अपील पर दिए हैं।
गौरतलब है कि मई 2014 में बिजनौर जिले में बम धमाके हुए थे। इस मामले में पुलिस ने पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले की विवेचना राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) कर रही थी। जांच एजेंसी ने इनके खिलाफ आतंकवाद व देशद्रोह की कई धाराओं में अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया था। आरोप पत्र के खिलाफ बचाव पक्ष के वकील ने आरोप मुक्त करने की अर्जी पेश की थी जिसको विशेष न्यायाधीश एनआईए ने .खारिज कर दिया था।
बचाव पक्ष की ओर से उच्च न्यायलय में अपील दायर कर कहा गया कि मुल्जिमों के खिलाफ कोई आरोप नहीं बनता। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।