नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस मामले में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित भारतीय जनता पार्टी के 13 नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्हें इस मामले में एक बार फिर से षडयंत्र का आरोपी बनाया जा सकता है।
इस मामले में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह सहित भाजपा के कई नेता शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए यह संकेत दिया है।
सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में 22 मार्च को अपना फैसला सुना सकता है। सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि महज टैक्निकल ग्राउंड पर आरोपी नेताओं को राहत नहीं दी जा सकती।
अदालत के अनुसार इस मामले में 13 भाजपा नेताओं और अन्य हिंदूवादी संगठन के नेताओं को बाबरी विध्वंस मामले में षडयंत्र का आरोपी बनाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 में उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह सहित अन्य नेताओं को आपराधिक षडयंत्र के आरोपों से दोष मुक्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की पूरक चार्जशीट दाखिल करने को कहा है।