श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मुख्य विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों के जलाए जाने की घटनाओं पर दुख और निराशा प्रकट करते हुए रविवार को कहा कि यह कश्मीर के बच्चों के भविष्य को चौपट करने का प्रयास है।
अब्दुल्ला ने अलगाववादियों को निशाना बनाते हुए कहा कि हुर्रियत नेतृत्व को इस तरह के घटनाओं की निंदा करने में देरी करने को लेकर एहसास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में शैक्षणिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए प्रशासन जिम्मेदार है और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे स्कूल आत्मनिर्भरता, गरिमा और भविष्य की पीढ़ी के सशक्तिकरण की कुंजी है। स्कूलों के साथ किसी तरह की छेडख़ानी बच्चों, उनके भविष्य और उनके सपनों के साथ छेड़छाड़ करना है। यह स्पष्ट है कि हमारे बच्चों की शिक्षा और बौद्धिक विकास को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें भी कोई शक नहीं है कि जो हमारे स्कूलों पर हमला कर रहे हैं वह बच्चों और ज्ञान के दुश्मन हैं।
इस बीच, जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासिन मलिक ने कहा है कि राज्य के स्कूलो को जलानें की घटना के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और शिक्षा मंत्री नईम अख्तर जिम्मेदार हैं। मलिक ने कहा कि हम भी 1984 में छात्र थे। हम उपायुक्त के पास गए और उनसे सत्र में बदलाव करने का आग्रह किया था। इसके बाद उपायुक्त तुरंत हमारी मांग को पूरा किया और सत्र में बदलाव किया। लेकिन महबूबा और अख्तर स्थिति सामान्य होने के भ्रम में स्कूलों को खोलना चाहते हैं।