लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने 500 एवं 1000 रूपये की नोटबंदी होने के पश्चात नई करेंसी प्राप्त करने के लिए बैंकों एवं एटीएम में लाइन में लगे ग्राहकों एवं आम नागरिकों के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने की शिकायत मिलने पर सम्बन्धित पुलिसकर्मी के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने आज प्रदेश के समस्त जिला मजिस्ट्रेटों एवं पुलिस अधीक्षकों को कडे निर्देश दिये हैं कि नई करेंसी प्राप्त करने के लिए बैंकों के सामने लाइन में खड़े नागरिकों से मानवीय व्यवहार करते हुये नोट निकालने एवं जमा करने की कार्यवाही शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराई जाये।
उन्होंने कहा कि किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा लाइन में खड़े ग्राहकों से अमानवीय व्यवहार किये जाने पर उसके विरूद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि घन्टों लाइनों में खड़े होने के बावजूद भी सम्बन्धित बैंकों मेें करेंसी खत्म हो जाने के कारण सम्बन्धित ग्राहक को पैसा न मिलने पर तथा धन की आवश्यकता होने के कारण उत्तेजित एवं आक्रोशित होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन द्वारा आम नागरिकों को शान्तिपूर्ण ढंग से समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश प्रदेश के समस्त जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर दिये हैं। उन्होंने कहा कि है कि ग्राहकों की सुविधा को ²ष्टिगत रखते हुये बैंक स्तर पर बैंक में धन होने अथवा खत्म होने की सूचना बैंक के गेट पर बड़े-बड़े नोटिस बोर्ड लगवाकर समय से आम नागरिकों को उपलब्ध कराई जाये।
उन्होंने कहा कि किसानों को खाद्य बीज क्रय करने के लिये बैंको द्वारा पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बैंक प्रबन्धकों एवं संस्थाओं के सहयोग से लाइन में खड़े ग्राहकों को छाया एवं पानी आदि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सार्थक प्रयास सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि यह पूर्ण प्रयास कराया जाये कि मामूली तकनीकी कमी के कारण बैंक कर्मियों द्वारा ग्राहकों को कतई वापस न किया जाये।
भटनागर ने कहा कि ऐसी स्थिति में आम जनता से मधुर व्यवहार कर उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के निर्देशों के जानकारी न होने की बात सम्बन्धित बैंक के कर्मियों द्वारा कहकर ग्राहकों को लौटाया न जाये।