नई दिल्ली। सीबीई के निदेशक अनिल सिन्हा ने अपने पद से सेवानिवृत्त होने से पहले पदभार राकेश अस्थाना को सौंप दिया है। राकेश अस्थाना गुजरात काडर के वरिष्ट आइपीएस थे। दो दिन पहले उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत कर दी। अस्थाना गुजरात काडर के 1984 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले विशेष निदेशक आर.के. दत्ता को पहले ही विशेष सचिव के पद पर गृहमंत्रालय भेज दिया गया है। दत्ता भी पहले इसी पद के दावेदार थे।
सिन्हा ने 2 साल का अपना कार्यकाल पूर्ण कर के इस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। 60 साल के सिन्हा ने तब पद संभाला था जब सीबीआई अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही थी। पिंज़रे का तोता और बंद जाँच एजेंसी जैसे कई आरोप सीबीआई झेल रही थी तब सिन्हा ने सीबीआई की छवि सुधारी। सिन्हा ने मीडिया से दुरी बना कर अपने काम पर केन्द्रित जीवनशैली अपनाई थी। अपने कार्यकाल में सिन्हा ने बहुत महत्वपूर्ण केसेस में अगुवाई कि और इस अगुवाई में वो अपने सफल नेत्रित्व को साबित भी कर पाए। जिनमें शीना बोरा हत्याकांड और बहुचर्चित विजय माल्या सम्पति गबन मुख्य THEथे। माल्या मामले में इन्होने चाहा कि इस कथित एयरलाइन्स और शराब व्यवसायी के सारे कच्चे चिट्ठे निकल के रख दिए जाएँ परन्तु बैंक की तरफ से सीबीई में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई।
राकेश अस्थाना जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके हैं। अस्थाना जे एन यू के प्रथम दशक के छात्र रहे हैं। उन्होंने अपनी डिग्री मनोविज्ञान और अर्थशास्त्र में पूरी की।