भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं ‘अम्मा‘

Samachar Jagat | Tuesday, 06 Dec 2016 04:19:20 AM
Amma was symbol of Women Empowerment in Indian Politics

चेन्नई। सिनेमा के रूपहले पर्दे से लेकर सबसे कम उम्र में तमिलनाडु की राजनीति के शिखर पर पहुंचने वाली मुख्यमंत्री जे जयललिता अपने जीवन काल में ही महिला सशक्तिकरण का न केवल प्रतीक बन गई बल्कि वह अपने जन कल्याण के कार्यों के कारण लोगों में अम्मा के नाम से भी मशहूर हो गई।

43 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बनने वाली जयललिता का जन्म कर्नाटक के मैसुरू (तत्कालीन मैसूर) में मांड्या जिले के मेलुरकोट गांव में 24 फऱवरी 1948 को एक‘अय्यर’परिवार में हुआ था। उनके दादा तत्कालीन मैसूर राज्य में एक सर्जन थे। उनके जन्म के दो वर्ष बाद ही पिता जयराम का निधन हो गया। पिता की मृत्यु के पश्चात् उनकी मां उन्हें लेकर बेंगलुरू चली गईं जहां उनके नाना-नानी रहते थे। बाद में उनकी मां ने ‘संध्या’ नाम से तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया।

उन्होंने अपनी मां की फिल्मी विरासत को संभालते हुए तमिल फिल्मों की न केवल चर्चित अभिनेत्री बनीं बल्कि राजनीति में भी कदम रखने के बाद वह सफलता के सीढिय़ां चढ़ती गई और भारतीय राजनीति की त्रिदेवियों में से एक बन गई। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह अविवाहित जीवन बिताते हुए भारतीय राजनीति के पुरुषवादी वर्चस्व को तोड़ा।

उनके बारे में कम कम लोगों को यह पता है कि वह कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं और राजनीति में भी उन्होंने अचानक ही कदम रखा। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पहले बेंगलुरू और बाद में चेन्नई में हुई। जयललिता बहुत मेधावी छात्रा थीं। स्कूल के दिनों में उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्रा की शील्ड मिली और दसवीं कक्षा की परीक्षा में उन्हें पूरे तमिलनाडु में दूसरा स्थान मिला। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वह अपनी मां के साथ एक समारोह में गईं जहां एक प्रोड्यूसर वीआर पुथुलू ने उन्हें अपनी फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। उनकी मां ने उसी समय उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए राजी कर लिया।

स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्होंने 1961 में ‘एपिसल’ नाम की एक अंग्रेजी फिल्म में काम किया। मात्र 15 वर्ष की आयु में वे कन्नड़ फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी। कन्नड़ भाषा में उनकी पहली फिल्म ‘चिन्नाडा गोम्बे‘ 1964 में प्रदर्शित हुई। उसके बाद उन्होने तमिल फिल्मों की ओर रुख किया। वे पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहनकर भूमिका निभाई थी।

तमिल सिनेमा में उन्होंने जाने माने निर्देशक श्रीधर की फिल्म ‘वेन्नीरादई’ से अपना करियर शुरू किया और लगभग 300 फिल्मों में काम किया। अपनी दूसरी ही फिल्म में जयललिता को उस समय तमिल फिल्मों के चोटी के अभिनेता एमजी रामचंद्रन के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगु, कन्नड़, अंग्रेजी और हिन्दी फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने धर्मेंद्र सहित कई अभिनेताओं के साथ काम किया, किन्तु उनकी ज्यादातर फिल्में शिवाजी गणेशन और एमजी रामचंद्रन के साथ ही आईं। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की।

फिल्मी करियर के बाद उन्होने एम. जी. रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। बाद में एमजीआर और जयललिता के संबंधों में भी बहुत उतार चढ़ाव आए। उन्होंने उन्हें पार्टी के प्रोपेगेंडा सचिव के साथ-साथ राज्यसभा का सदस्य भी बनाया लेकिन पार्टी में जयललिता का इतना विरोध हुआ कि एमजीआर को उन्हें प्रोपेगेंडा सचिव के पद से हटाना पड़ा। उन्होंने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया।

जयललिता ने 1998 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को समर्थन दिया, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनकी करुणानिधि सरकार को बर्खास्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उन्होंने समर्थन वापस ले लिया। सन 2002 में जब आधी रात को करुणानिधि को जगा कर गिरफ़्तार किया गया तो उन पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप भी लगा।

वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन हो गया और इसके बाद अन्नाद्रमुक दो धड़ों में बंट गई। एक धड़े की नेता एमजीआर की पत्नी जानकी रामचंद्रन थीं और दूसरे की जयललिता, लेकिन जयललिता ने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वर्ष 1989 में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में 27 सीटें जीतीं और वह तामिलनाडु में विपक्ष की पहली निर्वाचित नेता बनीं। वर्ष 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद राज्य में हुए चुनावों में उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनाई। वह 24 जून 1991 से 12 मई तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं।

1996 में उनकी पार्टी चुनावों में हार गई और वे खुद भी चुनाव हार गईं। इस हार के बाद सरकार विरोधी जनभावना और उनके मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए। पहली बार मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर कई गंभीर आरोप लगे। 2001 में विधानसभा चुनाव जीत कर वह फिर एक बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने में सफल हुईं। अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई 2011 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वह राज्य की मुख्यमंत्री हैं

जयललिता यानी अम्मा के नाम से तमिलनाडु में कई लोकप्रिय योजनाएं चल रही हैं, इनमें अम्मा कैंटीन, अम्मा वॉटर, अम्मा नमक, अम्मा दवाई शामिल हैं। इसमें अब अम्मा सीमेंट का नाम भी शामिल हो गया है।

वर्ष 1997 में उनके जीवन पर बनी एक तमिल फिल्म ‘इरूवर’ आई थी जिसमें विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय ने उनकी भूमिका निभाई थी।



 

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