नई दिल्ली। बाह्य वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौत के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज प्रोजेक्ट के मुताबिक 2015 में देश में प्रति दिन चीन से 50 ज्यादा मौत हुयी ।
हालिया आंकड़ों से पता चला है कि 2015 में भारत में हर दिन 3280 असामयिक मौत ओजोन सघनता और पार्टिकुल मैटर सघनता के कारण मौत हुयी जबकि चीन में 3230 मौत दर्ज की गयी।
वर्ष 2010 में भारत में 2863 असामयिक मौत हुयी जबकि चीन में 3190 लोगों की जान गयी। इसी तरह 2005 में भारत में 2654 लोग तथा चीन में 3,332 लोगों की मौत हुयी।
पिछले दशक में भारत में असामयिक मौत में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुयी जबकि चीन में यह रूझान उल्टा रहा और तीन प्रतिशत की गिरावट आयी।
सिएटल में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवॉल्युशन ने ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज जीबीडी परियोजना तैयार की ।
अध्ययन के मुताबिक भारत में असामयिक मौत की दर खतरनाक स्तर से बढ़ रही है और 1990 में प्रतिदिन 2140 मौत से 2015 में 3280 मौत की दर पहुंच गयी।
एक्टिविस्टों ने तुरंत कार्रवाई का आह्वान किया है ।
ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर सुनील दहिया ने बताया, ‘‘यह साफ संकेत देता है कि प्रदूषण से निपटने के लिए चीन की सख्त कवायदें वर्ष दर वर्ष वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ जबकि इसके विपरीत भारत में प्रदूषण का स्तर पिछले दशक में बढ़ गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस अध्ययन को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह भारत में चारों ओर वायु गुणवत्ता की गिरावट का गवाह है और संबंधित प्राधिकार को फौरन कार्रवाई करनी चाहिए।’’
इसके अलावा एयरोसोल ऑप्टिकल डेप्थ एओडी फॉर इंडिया एंड चाइना ने भारत की ओर बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर के लिए नासा उपग्रह चित्रों का अध्ययन किया है जबकि चीन में 2005 से 2015 तक प्रदूषण स्तर गिरा है।