नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्रालय ने आज स्वीकार किया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रवर्तन नियम ‘‘कमजोर’’ हैं। इसके साथ ही मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न उपायों का ‘‘सख्ती’’ से कार्यान्वयन करने को कहा। इनमें दिल्ली के बदरपुर संयंत्र से निकलने वाले फ्लाई ऐश के फैलने पर रोक तथा पुराने ईंट भट्ठों को बंद किया जाना शामिल हैं।
दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण सचिव ए एन झा ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की जहां यह सर्वसम्मति बनी कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाये जाने की सख्त जरूरत है।
झा ने कहा कि पंजाब को छोडक़र लगभग सभी राज्यों में फसलों के जलाने पर नियंत्रण हो गया है। पंजाब में बड़े पैमाने पर ऐसा होने की खबरें हैं और बैठक में पंजाब ने आश्वासन दिया है कि इस पर काबू पाने के लिए वह प्रयास करेगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी भी तत्काल एक ऐप विकसित करेगा ताकि कचरा, सूखी पत्तियों आदि के जलाने की तत्काल रिपोर्ट मिल सके। इससे सभी राज्य एजेंसियों को जोड़ा जाएगा।
झा ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले साल दिसंबर में सीपीसीबी ने राज्यों को वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 42 बिंदुओं पर निर्देश दिया था। वे लघु, मध्यम और दीर्घकालिक उपाय थे। ऐसे आदेश जारी किए जाने के बाद मंत्रालय और सीपीसीबी स्तर पर पांच..छह बैठकें हो चुकी हैं। कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में और कदम उठाए जाने की जरूरत है। इन आदेशों के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिए जाने की आवश्यकता है क्योंकि प्रवर्तन तंत्र अब भी कमजोर है, इसलिए राज्यों से कहा गया है कि वे इसे सख्ती से लागू करें और जरूरी कदम उठाएं।