श्रीनगर। श्रीनगर में एक लड़के की मौत के बाद भड़की ताजा हिंसा को देखते हुए यहां के कई इलाकों में सुरक्षा बलों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है, हालांकि अलगाववाद-प्रायोजित हड़ताल की वजह से घाटी में लगातार 121वें दिन सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ''श्रीनगर के कई हिस्सों में सुरक्षा बलों की उचित तैनाती की गई है, लेकिन यहां या कश्मीर में कहीं भी कफ्र्यू नहीं है।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए कुछ इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। कथित जहरीले पदार्थ की वजह से 16 साल के लड़के कैसर सूफी की मौत के बाद कल श्रीनगर में हिंसा भड़क गई थी।
सूफी 25 अक्तूबर से लापता था और छह दिन बाद वह शालीमार इलाके में बेहोशी की हालत में मिला था। बहरहाल, स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस लड़के को कुछ जहरीला पदार्थ पिलाया गया।
पुलिस ने कहा कि जांच चल रही है तथा निशात थाने में रणबीर दंड संहिता की धारा 309 के तहत हत्या का प्रयास मामला दर्ज किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि पुराना शहर, सिविल लाइन के इलाके में लोगों और वाहनों के आवागमन बहुत कम है। इन इलाकों में कुछ दुकानें खुली देखी गईं।
बीते आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से घाटी में अशांति है। पिछले चार महीनों से ऐसी स्थिति बनी हुई है।
घाटी के अलग अलग इलाकों में हुई हिंसा में 85 लोग मारे गए हैं तथा कई हजार लोग घायल हुए हैं। करीब 5,000 सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।
भाषा