उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। सपा और कांग्रेस का गठबंधन मिलकर 50 सीटों का आंकड़ा पार कर पाया, और बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला जिसके बाद अब यूपी में बीजेपी की सरकार बन रही है।
वहीं चुनावों से पहले सपा कुनबे में हुई कलह हार का एक बड़ा कारण मानी जा रही है। मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से हटा देना, चाचा शिवपाल को किनारे कर देना और अखिलेश का किसी की बात को नहीं मानना सपा को एक बड़ा नुकसान दे गया।
लेकिन अब मुलायम सिंह एक बार फिर वापस अपने परिवार को एक करने में जुट गए है। सपा विधायक दल की बैठक में शिवपाल सिंह यादव के पहुंचने से इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं।
लंबे समय बाद अखिलेश यादव और शिवपाल मंच पर साथ-साथ बैठे। उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ इशारों में भी हमला नहीं किया। सपा के कुनबे में चार महीने चली कलह इस साल के पहले दिन चरम पर पहुंच गई थी, जब सपा के विशेष अधिवेशन में मुलायम सिंह को हटाकर अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया।
शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से चार दिन पहले सपा के इस घटनाक्रम का चुनाव पर भी असर पड़ा।
उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करने वाली समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आगामी 25 मार्च को लखनऊ में बुलायी गयी है।
बैठक में मुलायम सिंह यादव को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने की मांग उठ सकती है। बीते एक जनवरी को मुलायम सिंह यादव को हटाकर अखिलेश यादव को अध्यक्ष बना दिया गया था और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक घोषित कर दिया गया था।