नई दिल्ली। तमिलनाडू की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक पार्टी प्रमुख जयललिता की बीमारी और मौत के सदमे से अब तक अब तक 77 लोग जान दे चुके हैं। यह आंकड़ा अन्नाद्रमुक पार्टी ने जारी किया है। तमिलनाडू में अपने समर्थकों के बीच अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता की बीमारी और फिर देहांत की खबर सुनकर दुख और सदमे के चलते 77 लोगों की मौत हो गई। इसके पहले जब जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा होने पर जेल जाना पड़ा था, तब भी कथित तौर पर दुखी हो कर उनके कई समर्थकों ने अपनी जान दे दी थी।
अन्नाद्रमुक ने दुख और सदमे से मरने वालों का आंकड़ा तो जारी किया है, पर यह नहीं बताया है कि इनमें पुरुषों और महिलाओं की संख्या कितनी है और ये लोग प्रदेश में कहां के रहने वाले हैं।
बता दें कि दक्षिण के राज्यों में नेताओं के समर्थक स्वभाव से काफी भावुक होते हैं। अपोलो अस्पताल में जब जयललिता की हृदयगति रुकने की खबर आई थी, तब भी बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर उनके समर्थक रोते हुए नजर आए थे। सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता का निधन हो गया था। उनके देहांत के बाद पूरा प्रदेश गहरे शोक में डूबा हुआ है।
इसके अलावा आत्मदाह करने वाले कार्यकर्ता के परिवारो को पार्टी आर्थिक मदद देगी। पार्टी ने कहा कि जयललिता के निधन पर आत्मदाह करने वाले कडलोर एक पार्टी कार्यकर्ता को 50 हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। उसके इलाज का खर्च भी अन्नाद्रमुक वहन करेगी।
जबकि तिरुपुर के मकाली नाम के शख्स ने हताशा में अपनी उंगलियां काट ली थीं। उसके इलाज का खर्चा भी पार्टी उठाएगी। हालांकि एक केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने ऐसी मौतों का आंकड़ा 30 बताया है और चार अन्य लोगों के आत्मदाह के प्रयास की बात कही है। पार्टी ने उन 77 लोगों के नाम भी जारी किए हैं।