बीते 3 सालों में हिरासत के दौरान हुई 308 मौतें, इसके बावजूद एक भी पुलिसकर्मी दोषी नहीं

Samachar Jagat | Tuesday, 21 Mar 2017 12:51:51 PM
308 deaths in 3 years, not one policeman is guilty

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि साल 2013 से 2015 के दौरान देश में पुलिस हिरासत में कुल 308 मौतें हुई। जिनमें 122 मामले दर्ज किए गए, लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी को दोषी करार नहीं दिया गया। 

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में हिरासत में कुल 118, 2014 में 93 और 2015 में 97 मौतें हुई थीं। इस प्रकार कुल 308 मौतों के सिलसिले में 122 मामले दर्ज किए गए और 92 की न्यायिक जांच शुरू की गई।

कुल 55 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए, लेकिन इस दौरान एक भी पुलिसकर्मी को दोषी करार नहीं दिया गया। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रिजिजू ने स्वीकार किया कि पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों में महाराष्ट्र का अनुपात बहुत ज्यादा है।

इस दौरान राज्य में कुल 75 ऐसे मामले सामने आए, जो देश में हिरासत में हुई कुल मौतों का लगभग एक चौथाई है। तीन साल में एक भी मामले में पुलिसकर्मी के दोषी करार नहीं दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय भी सदस्यों की चिंता में शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कई बार हिरासत में होने वाली मौतों में स्वाभाविक मौतों के मामले भी होते हैं और हर बार प्रताडऩा ही इसका कारण नहीं होता। 



 

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