पुणे। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के परिसर में झड़प के सिलसिले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अभाविप और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया एसएफआई के कुल 12 कार्यकर्ता आज गिरफ्तार किए गए। पुलिस के अनुसार बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया।
अभाविप और एसएफआई के कार्यकर्ता कल शाम विश्वविद्यालय परिसर में पोस्टर लगाने को लेकर कहासुनी के बाद आपस में भिड़ गए थे। चतुश्रृंगी थाने के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने अभाविप के सात और एसएफआई के पांच कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। सभी आज अदालत में पेश किये गए और जमानत पर उन्हें रिहा कर दिया गया। ’’
अभाविप की शिकायत है कि एसएफआई के सदस्य ‘अभाविप मुर्दाबाद’ नारे वाले पोस्टर लगा रहे थे जब परिषद के सदस्यों ने उन्हें टोका तब उन्हें धमकाया गया और उनके साथ मारपीट की गयी। दूसरी तरफ एसएफआई ने आरोप लगाया कि सोलापुर के विधानपरिषद सदस्य प्रशांत परिचारक की सैनिकों के बारे में टिप्पणी, दिल्ली के रामजस कॉलेज में हिंसा और सोलापुर के एक पोलिटेक्निक के विद्यार्थियों को शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े की हाल की धमकियों के विरोध में वे विश्वविद्यालय कैंटीन के समीप पर्चे बांट रहे थे और उन्होंने एक कार्यक्रम आयोजित किया था। तभी 15-25 अभाविप सदस्य आए और मारपीट करने लगे।
इसी बीच कुलपति वासुदेव गाडे ने विद्यार्थियों से हिंसा नहीं करने और एक दूसरे के विचारों का सम्मान करने की अपील की है। -(एजेंसी)