नई दिल्ली। भारत और चीन में वर्ष 2015 में खासकर जीवाश्म ईंधन खासकर कोयला के दहन से होने वाले वायुप्रदूषण की वजह से करीब 16 लाख लोगों की मौत हो गई।
ग्रीनपीस की रिपोर्ट कहती है, ‘‘जीवाश्म ईंधनों खासकर कोयला के निरंतर इस्तेमाल के कारण वाले वायु प्रदूषण से 16 लाख मौते हुई जो वर्ष 2015 की जीडीपी विकास दर के आधार पर अनुमानित आंकड़े से अधिक है। ’’
उसने कहा कि सर्वाधिक वायु प्रदूषण मृत्युदरों वाले 10 देशों में आधे मध्य आय वाले देश हैं और उनमें भारत भी है।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘जब देश का जीडीपी बढ़ता है तो वायु प्रदूषण आमतौर पर घटता है। लेकिन भारत और चीन में हाल की आर्थिक वृद्धि के बावजूद खासकर वायुप्रदूषण की बुरी स्थिति है।’’
रिपोर्ट कहती है, ‘‘वैसे चीन और भारत में 1990 से वायु प्रदूषण मृत्युदरें घटी हैं लेकिन वे अब भी ज्यादातर एक जैसे देशों में बहुत खराब स्थिति में है। भारत में, 2010 से दरें नहीं सुधरी हैं। कोयला का निरंतर उपयोग दोनों देशों में उच्च वायुप्रदूषण मृत्युदरों की बड़ी वजह है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 में भारत और चीन में प्रदूषण से प्रति एक लाख लोगों पर क्रमश 138 एवं 115 लोगों की मौत हुई थी ।