विषमलैंगिक विवाह में, अपने यौन जीवन के साथ खुश लोग अपने रिश्तों के प्रति ज्यादा खुश रहते हैं। अगर आप उनके सेक्स जीवन के बारे में जानना चाहते हैं तो उनके व्यक्तित्व पर गौर फरमाएं। इससे ये जानने में भी सहायता तो चलिए जानते हैं कि कैसे कुछ जोड़े और लोगों से ज्यादा सेक्स करते हैं और उनके व्यक्तित्व से इसका पता कैसे चल पाता है।
शोध के परिणाम
एक नए शोध के अनुसार वे नव विवाहित महिलाएं जो सेक्स का अधिक मज़ा लेती हैं, उनका व्यक्तित्व से साफ पता चलता है कि वे जीवन के बारे में बहुत उत्सुक हैं। वहीं दूसरी ओर पुरुषों में उन के सेक्स करने की प्रवृति का व्यक्तित्व पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है। 278 विषमलैंगिक नव विवाहित जोड़ों पर किए गए एक नए अध्ययन में फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों एंड्रिया एल मल्तज़र और जेम्स के. मैक्नॉल्टी ने प्रतिभागियों को दैनिक डायरी रखने के लिए कहा, जोकि अंदाज़न बताए जाने की तुलना में यौन आवृत्ति को मापने का एक अधिक विश्वसनीय तरीका है। साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों के पांच बड़े व्यक्तित्व लक्षणों के आधार पर एक व्यक्तित्व परीक्षा भी ली।
शोधकर्ताओं ने 20 से 30 साल के बीच के नव विवाहितों से तीन अलग-अलग तरह के सवाल किए और दो सप्ताह के लिए अपनी डायरी में अपनी दिनचर्या को नोट करने को कहा। उन्हें कहा गया कि वे डायरी में दर्ज करें कि क्या उन्होंने रोज़ सेक्स किया, अगर किया तो वो एक सात सूत्री पैमाने पर कितने संतुष्ट हुए। परिणामों से पता चला कि जोड़ों ने दो सप्ताह की इस अवधि में औसतन तीन से चार बार यौन संबंध बनाए थे।
पिछले अध्ययनों में पाया गया था कि पुरुष महिलाओं की तुलना अधिक सेक्स की इच्छा रखते हैं और इसकी पहल भी ज्यादा करते हैं। हालांकि संतुष्टी एक दूसरा विषय है और ये सही नहीं बताया जा सकता है कि अधिक खुश रहने वाले कपल कितनी बार सेक्स करते हैं। लेकिन सेक्स संबंधों को मजबूत बनाता है इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन ज्यादा सेक्स करने वाले कपल अधिक खुश रह पाते हैं ये नहीं कहा जा सकता है।