किसी भी रिश्ते में दो लोगों के बीच भरोसे का होना बहुत जरूरी है और भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वो दोनों एक-दूसरे के प्रति सच्चे हों, ईमानदार हों। पर जब आप किसी रिलेशनशिप में होते हैं तो कई ऐसे मौके आते हैं जब आपको झूठ का सहारा लेना पड़ता है।
ये झूठ किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि उस परिस्थिति को संभालने के लिए बोलने पड़ते हैं। हालांकि कोशिश की जानी चाहिए जितना कम हो सके, उतना कम झूठ बोलना पड़े। इसे आदत न बनाएं।
आमतौर पर रिलेशनशिप में बोले जाते हैं ये झूठ:
अक्सर ऐसा होता होगा कि आप दोनों के बीच किसी बात पर बहस होती होगी। आप दोनों अपने-अपने छोर पर सही होते होंगे। पर कई बार बात बिगड़ती देखकर आप अपने पार्टनर को सही बताकर झगड़ा खत्म करने की कोशिश करते होंगे। ‘तुम्हारी बात सही है....’ क्या आप भी ऐसा कुछ कहते हैं?
कई बार ऐसा होता है कि आपको आपके पार्टनर का ड्रेस सेंस अच्छा नहीं लगता लेकिन आप उसे ये बताने में संकोच करते हैं। आपको कहीं से भी वो अच्छा नहीं लग रहा होता है लेकिन वो दुखी न हो जाए ये सोचकर आप उसे अपने मन की बात नहीं कह पाते और उसके पूछने पर झूठ कहते हैं कि ये ड्रेस उस पर बहुत अच्छी लग रही है। क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है?
जरूरी नहीं की आपको उसकी बनायी गई हर डिश पसंद ही आए। पर संकोच आपको अपने मन के भावों को व्यक्त करने से रोक देता है और उनके पूछने पर आपके मुंह से झूठी तारीफ ही निकलती है...‘तुम्हारे जितना अच्छा खाना शायद ही कोई बनाता हो।’