नई दिल्ली। अगर आपका बच्चा जानवरों को चोट पहुंचा रहा है, बार-बार झूठ बोल रहा है और ऐसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है जो गंभीर चोटें पहुंचा सकते हैं तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है क्योंकि ये सभी अपराधी प्रवृति के संकेत हैं।
महिला एवं बाल विकास डब्ल्यूसीडी मंत्रालय द्वारा अभिभावकों के लिए तैयार एक पुस्तिका में यह बात कही गयी है। ‘बच्चों को खुश करने और सुरक्षित बचपन प्रदान करने’ वाले शीर्षक वाली इस पुस्तिका में ये निर्देश दिए गए है कि अभिभावक कैसे बच्चे के ऐसे व्यवहार का पता लगाए और उससे निपटे। इस पुस्तिका को हाल ही में मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। मंत्रालय की पुुस्तिका में बीमारी की अंतरराष्ट्रीय श्रेणियों का जिक्र किया गया है जिसमें 15 व्यवहारों के बारे में बताया गया है जिसका आचरण में गड़बड़ी का पता लगाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह आमतौर पर बड़े बच्चों और युवाओं पर लागू होता है।
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पुस्तिका में कहा गया है, ‘‘इन आक्रामक व्यवहारों को अपराधी के रूप में वर्गीकृत करने के लिए किसी बच्चे या व्यक्ति का कम से कम छह माह तक ऐसा व्यवहार होना चाहिए।’’मंत्रालय के दस्तावेज में ऐसे व्यवहारों को चार समूहों में बांटा गया है लोगों और जानवरों के प्रति आक्रामकता, संपत्ति का विनाश, कपट या चोरी या नियमों का उल्लंघन करने की प्रवृति।
पुस्तिका में कहा गया है कि जब एक बच्चा खुले तौर पर आक्रामक हो तो अभिभावकों को इन संकेतों को देखना चाहिए कि क्या वह लगातार झूठ बोल रहा है, किसी के साथ मारपीट कर रहा है, ऐसे हथियार इस्तेमाल कर रहा है जो किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, माता-पिता के रोकने के बावजूद अंधेरा होने पर अक्सर बाहर जाता है और दूसरे लोगों की ओर शारीरिक रूप से उसका क्रूर व्यवहार है। अगर ऐसा है तो ये सभी अपराधी प्रवृति के लक्षण हो सकते हैं। अगर कोई बच्चा अपनी या किसी और की संपत्ति को लगातार नुकसान पहुंचा रहा, चीजों में आग लगाने या जानवरों को चोट पहुंचाने की प्रवृति है तो यह भी अभिभावकों के लिए चेतावनी है कि उनका बच्चा अपराध की दुनिया की ओर उन्मुख हो रहा है।
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कोई बच्चा अगर स्कूल से लगातार गायब रहता है जिसकी शुरूआत 13 साल की उम्र से पहले होती है, कम से कम दो बार अपने माता-पिता के घर से भागा है और लगातार दूसरों को डराता या चोट पहुंचाता है तो ये सभी इस बात के संकेत है कि अभिभावकों का उन्हें ज्यादा समय देने की जरूरत है। पुस्तिका में यह कहा गया है कि अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ अच्छा समय बिताना चाहिए, उन्हें ज्यादा डांटना नहीं चाहिए, उनकी तारीफ करनी चाहिए तथा मिलनसार व्यवहार के लिए उन्हें इनाम देना चाहिए।- एजेंस
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