कई सालों से सिंहपर्णी (कथद्ब्रदद्गद्यद्बधद्ब्र) की जड़ का प्रयोग पूरे विश्व में होता आ रहा है। सिंहपर्णी को भूख न लगना, पेट की खराबी, पेट गैस, मधुमेह, पाइल्स, कब्ज, पथरी, जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में दर्द, एक्जिमा और चोट के निशान के लिए प्रयोग किया जाता है।
इसे मूत्र उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रयोग करते हैं। सिंहपर्णी की जड़ तथा पत्तियों का प्रयोग मधुमेह, पाइल्स, कब्ज, पथरी, मूत्राशय के रोग और हजारों प्रकार की बीमारी के लिये किया जाता है। सिंहपर्णी में बीटा कैरोटीन, विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और फॉस्फोरस की मात्रा काफी अधिक होती है।
क्या आप जानते हैं कि इसमें पालक से भी ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। तो अगर आपको अपने शरीर को निरोग बनाना है तो इसकी जड़ों का प्रयोग करना शुरू कर दीजिये। आइये जानते हैं सिंहपर्णी की जड़ के क्या-क्या औषधीय गुण हैं।
पाचन में सहायता : यह पाचन को बढ़ावा देता है, भूख को उत्तेजित करता है और आंत में मौजूद प्राकृतिक और फायदेमंद बैक्टीरिया में संतुलन बिठाता है। यह पेट में एसिड और पित्त को ज्यादा मात्रा में रिली$ज करता है जिससे खाना जल्द पचना शुरु हो जाता है।
किडनी : यह एक मूत्रवर्धक जड़ी बूटी है जो गुर्दे को बेकार, नमक और अतिरिक्त बेशाब बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही यह मूत्र प्रणाली में माइक्रोबियल विकास को रोकता है।
स्वस्थ लीवर के लिए : कथद्ब्रदद्गद्यद्बधद्ब्र, लीवर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने और उसमें हाइड्रेशन तथा इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन में सुधार करता है। यह पित्त को भी बढावा देता है।
एंटीऑक्सीडेंट : सिंहपर्णी का हर हिस्सा, कैंसर एंटीऑक्सीडेंट से भरा हुआ होता है। यह बुढापे को आपके नजदीक आने से रोकता है। साथ ही इसमें विटामिन सी और ए होता है जो कि लीवर के लिये अच्छा होता है।
कैंसर से बचाए : भसहपर्णी, कैंसर की ग्रोथ को धीमा कर देता है और आगे बढने से रोक देता है। इसकी पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट और ध्द्धभप्धद्ब्रफप्न्द्बद्गद्ब्रप्प होते हैं जो कि कैंसर से लडऩे में मददगार होती हैं।
मधुमेह : यह ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल को संतुलित करता है।
हाई ब्लड प्रशर : इसके सेवन से पेशाब बहुत ज्यादा लगती है जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम कर देता है। इसमें मौजूद फाइबर और पोटैशियम भी ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करता है।
कोलेस्ट्रॉल : यह कोलेस्ट्रॉल को कम तथा कंट्रोल कर के रखता है।
पित्ताशय : यह पित्त उत्पादन और सूजन को कम कर के पित्ताशय की थैली की समस्याओं तथा ब्लॉकेज को दूर करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाए : यह प्ररतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है तथा रोगाणुओं तथा फंगस से लडऩे का भी काम करता है।