इन्टरनेट डेस्क। आधुनिक समय में पथरी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आयी है। पथरी होने पर व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। एक रोचक तथ्य यह भी है कि पथरी महिला की जगह पुरुषों में तीन गुना अधिक होने की सम्भावना होती है। पथरी के लिए आधुनिक लाइफस्टाइल भी काफी हद तक जिम्मेदार होती है। यह देखने में आया है कि पथरी 20 से 30 साल तक के लोगों में अधिक देखने को मिलती है।
पथरी की पहचान सामान्य तौर पर हो जाती है। जैसे बार बार पेशाब आना, पेशाब करते समय दर्द होना, खुल कर पेशाब ना आना, कभी तेजी से और कभी रूक-रूक कर पेशाब आना या कुछ लोगों को अंडकोषों में दर्द होने की शिकायत होती है और पेशाब का रंग असामान्य होना भी पथरी के होने के मुख्य लक्षण माने जाते हैं।
पथरी के इलाज के बारे में कहा जाता है कि एक पखानबेद नाम का एक छोटा सा पौधा होता है ! कुछ लोग उसे लोकल भाषा में पत्थरचट्टा भी कहते हैं। इसके के पत्ते को पानी मे अच्छी तरह से उबाल कर के काढ़ा बना लें और ठंडा करके पिएं इससे मात्र 10 से 15 दिन मे पूरी पथरी पेशाब के रस्ते गलकर बाहर निकल जाती है। ऐसा लोगों का विश्वास है। हमारी राय में तो डॉक्टर के पास जाना ही सही रहेगा।