लेज़र हेयर रिमूवल तकनीक सिर्फ त्वचा सम्बंधी समस्याओं को ही जन्म नहीं देती। इसके अलावा कई घातक बीमारियां भी लेज़र हेयर रिमूवल के चलते अपने पांव जमाने में सफल हो जाती है। लेज़र द्वारा शरीर के बालों को निकालना कोई नई तकनीक नहीं है। दशकों से सौंदर्य उद्योग में इसने अपने पांव जमा रखे हैं। लेकिन इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि लेज़र हेयर रिमूवल के असंख्य नकारात्मक प्रभाव है। सामन्यतः इसके बुरे प्रभाव हमारी त्वचा पर ही पड़ते हैं। मसलन त्वचा में जलन होना, अतिरिक्त बाल निकल आना, सूज जाना, लाल हो जाना आदि। लेकिन लेज़र हेयर रिमूवल सिर्फ त्वचा सम्बंधी समस्याओं को ही जन्म नहीं देती।अतः लेज़र हेयर रिमूवल का चयन करने से पहले इन अन्य बीमारियों के विषय में जानना आवश्यक हैं आइये जानते हैं।
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कैंसर
शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान जो धुआं निकलता है, वह इतना घातक होता है कि उससे कैंसर तक होने की आशंका रहती है। असल में लेजर के दौरान निकल रहे धुएं में कई किस्म के रसायन होते हैं जिससे त्वचा में खुजली, जलन जैसी समस्या तो हो ही सकती है। लेकिन यदि 30 सेकेंड के अंदर इस धुएं से दूर न जाएं तो कैंसर के तत्व जन्म ले सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान निकल रहे धुएं में 377 किस्म के रसायन पाए गए हैं। इसमें से 20 रसायन कम्पाउंड ऐसे हैं जो घातक हैं इनमें कार्बन मोनोक्साइड भी है। इसके अलावा 13 ऐसे कारण भी इसमें शामिल हैं जिसके चलते कैंसर हो सकते हैं मसलन बेंज़ीन आदि।
आंखों में जलन
लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान हमारी त्वचा के जो बाल जलते हैं उससे घातक रसायन निकलता है जो कुछ ही क्षणों में हवा में घुल जाता है। यदि ऐसे में हम अपनी आंखों को सुरक्षित न रखें तो इसका बुरा प्रभाव हमारी आंखों पर पड़ता है। आंखों में जलन हो सकती है। यही नहीं आंखों में खुजली भी हो सकती है। अतः लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट कराते समय अपनी आंखों को सुरक्षा कवच से अवश्य ढकें।
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श्वसन प्रणाली
जैसे कि हम जान ही चुके हैं कि लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट में निकलने वाला धुआं हानिकारक है। ऐसे में यह बता देना भी आवश्यक है कि यह हमारी श्वसन प्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकता है। अतः लेज़र हेयर रिमूवल विशेषज्ञ इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि जिस जगह वे यह ट्रीटमेंट कर रहे हैं, वहां श्वसन प्रणाली प्रोटेक्टर अवश्य हो साथ ही वेंटिलेशन की जगह भी हो।
पर्यावरण के लिए अशुद्ध तत्व
यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि पर्यावरण शुद्ध न हो तो हम बीमारी का घर बन सकते हैं। लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट ऐसे ही तत्वों को बढ़ावा देता है जिससे पर्यावरण दूषित हो सकता है। असल में लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरन निकलने वाले 377 किस्म के रसायन में ऐसे रसायन भी मौजूद हैं जो एंवायरमेंटल टाक्सिन हैं। इन्हें हम पर्यावरण विषाक्त पदार्थ भी कह सकते हैं।
नाक के लिए हानिकारक
लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान निकलने वाला धुओं सबसे पहले हमारी नाक में ही घुसता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के जरिये निकलने वाले धुएं में इतने फाइन पार्टिकल होते हैं जो सहजता से हमारी नाक में घुस सकते हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जो तत्व हमारे शरीर में कैंसर जैसी बीमारी को जन्म दे सकता है तो फिर यह हमारी नाक को किस कदर नुकसान पहुंचा सकता है। इसका असर कहीं न कहीं हमारे फेफड़ों पर भी पड़ सकता है।
किसके लिए है ज्यादा घातक और सावधानी
यूं तो जो मरीज या सौंदर्य की दीवानी महिलाएं जिन्हें लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के जरिये अपने शरीर के सारे बाल निकालने का शौक हो, उनके लिए तो यह घातक है। साथ ही जो विशेषज्ञ नियमित रूप से 8 से 10 घंटा प्रतिदिन यही काम करते हैं, उनके लिए यह ज्यादा खतरनाक है। यह उनकी आंखों से लेकर, श्वसन प्रणाली, नाक आदि शरीर के सभी हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। यही नहीं यदि वे सही प्रोटेक्टर का इस्तेमाल न करें तो उनकी त्वचा भी इससे अछूती नहीं रहेगी। लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान एक ही उपचार या कहें सावधानी बरती जा सकती है। खुद को पूरी तरह प्रोटेक्ट करें। धुएं के संपर्क में न आएं। रोशनी आंखों में न पड़ने दें। श्वसन प्रणाली के सुरक्षाकवच का इस्तेमाल करें। इसके अलावा ऐसी जगह लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट को सम्पन्न करें जहां वेंटिलेशन की पर्याप्त जगह हो।