मम्स, वायरल संक्रमण के कारण होता है और लार ग्रंथियों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण भयानक दर्द होता है। यहां हम आपको 7 घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं जो इसके दर्द से राहत दिला देते हैं। मम्स, वायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है। इसमें सूजन आती है और लार ग्रंथियों में सूजन आने के कारण दर्द होता है।
इस बीमारी को गलसुआ भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है और संक्रामक व्यक्ति से किसी को भी लग सकती है। संक्रामक व्यक्ति की छींक, लार, थूक या छून से ये वायरस, दूसरे शरीर में ट्रांसफर हो जाता है। यह अमूमन जीवन में एक बार ही होता है। हालांकि, बच्चों और युवाओं में कई बार हो जाता है।
अदरक - अदरक में एंटी - इंफ्लामेंट्री गुण होते हैं जिससे सूजन दूर हो जाती है और इसमें एंटी वायरल गुण भी होते हैं जिसके कारण दर्द नहीं होता है। सूखी अदरक या मुलेठी को पीस लें और इसे लेप के रूप में प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
हरीटाकी - यह एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक उपाय है। इसका गाढ़ा सा लेप बना लें और इसे संक्रमित भाग पर लगाएं। इससे ऐसे गुण होते हैं जो दर्द को कम कर देते हैं।
एलोवेरा - एलोवेरा भी गलसुए को सही करने की अच्छी दवा है। आप एक एलोवेरा पत्ती को लें और उसे जेल को कटोरी में निकाल लें। उसे चेहरे पर और प्रभावित हिस्सों में लगाएं। साथ में इसमें थोड़ी सी हल्दी भी मिला लें। इससे सूजन में राहत मिलेगी।
काली मिर्च - मम्स के लिए काली मिर्च एक अच्छी दवा है। पानी के साथ इस पाउडर को मिला लें और इसे संक्रमित हिस्से पर लगाएं। आपको जल्द ही परिणाम देखने को मिल जाएगा।
बरगद के पत्ते - आपको जानकर हैरानी होगी कि घी लगाकर इन पत्तों को हल्का गुनगुना करके लगाने से दर्द में राहत मिलती है। इसे लगाकर एक रात के लिए सो जाना होता है।
एस्पारगस - सब्जियों के बीज काफी फायदेमंद साबित होते हैं, अगर आपका बेबी इस बीमारी से परेशान हो गया है। आप एस्पारगस और मेंथी के बीजों को बराबर मात्रा में लें और उन्हें पानी डालकर एक पेस्ट बना लें। इसे सूजन वाले हिस्से पर लगाएं। इससे आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
पीपल या अंजीर के पत्ते - गलसुआ होने पर पीपल या अंजीर के पत्तों को लें। उन्हें घी लगाकर हल्का गर्म कर लें। इन पत्तों को गाल पर या प्रभावित हिस्से पर रख दें। 30 मिनट तक रखा रहने दें। ऐसा दिन में दो बार करें। तुरंत लाभ महसूस होगा।