घर में सोने का कमरा तनाव कम करने, आराम करने, स्वयं को पुनर्जीवित करने का एक परम आंतरिक और बेहद अंतरंग स्थान होता है। वास्तु के अनुसार इस क्षेत्र को स्थिर व शांतिपूर्ण वातावरण चाहिए जिससे यहां आने के बाद व्यक्ति को शांति का अनुभव हो और नकारात्मक प्रभावों से विचलित न हों। साथ ही उसी समय सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार भी होता रहे। इसके लिए बेडरूम में वास्तु के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
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ये नियम इस प्रकार हैं :-
बेडरूम में नकदी का लॉकर स्थापित करने से बचें। अगर कोई और विकल्प नहीं हो तो एक तिजोरी दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। जिसका मुख उत्तर या पूर्व की ओर खुलता हो।
वास्तुशास्त्र के अनुसार हर 6 महीने में बेड की चादरें और सिरहाने के कवर को बदल देना चाहिए। क्योंकि सोने के वक्त हम में से निकली हुई सब नकारात्मकताओं को ये सोख लेते हैं।
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बेडरूम में तेज या बहुत भड़कीले रंग करवाने से बचें। सुखदायक रंगों को चुनें जैसे हल्का गुलाबी, हल्का हरा, हल्का नीला, लवैंडर इत्यादि। सफेद रंग हमेशा ही सुखदायक शांतिदायक और बेडरूम के माहौल में स्थिरता प्रदान करता है।
बेडरूम की पूर्व उत्तर दिशा खाली होनी चाहिए, ये किसी भी भारी फर्नीचर या खाली सामान से भरी हुई न हो और हमेशा ध्यान रखें कि यह दिशा साफ-सुथरी और व्यवस्थित हों।
बेडरूम में देवी-देवताओं के चित्र नहीं लगाना चाहिए। बेडरूम एक बेहद निजी जगह है।
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