विवाह के बाद स्त्री अपने पति के लिए सोलह श्रृंगार करती है, विवाहिता स्त्री का अपने पति के प्रति यह अटूट और एकनिष्ठ प्रेम ही उसे दुनिया से अलग पहचान और गौरव दिलाता है। विवाहित स्त्री का जीवन अनेक रंगों से भरा होता है, वहीं जब किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसे रंगीन वस्त्र पहनने के लिए मना किया जाता है और वह सफेद वस्त्र पहनकर अपना जीवन व्यतीत करती है।
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ज्योतिषशास्त्र में भी बताया गया है विधवा स्त्री को सफेद रंग ही क्यों पहनाया जाता है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.....
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सफेद रंग सर्वाधिक पवित्र और सात्विक रंग है। विधवा स्त्री का पति विहीन जीवन कई संघर्षों से भरा होता है। ऐसे में विधवा स्त्री को ईश्वर की कृपा और सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। सफेद रंग का लिबास उसे मनोबल और सात्विकता प्रदान करता है।
सफेद रंग उसे जीवन की सभी जिम्मेदारियों और चुनौतियों का सफलता से सामना करने की प्रेरणा देता है। इसी कारण से जब किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसे सफेद कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है।
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