भारत में नवरात्र पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, ये पर्व साल में चार बार आता है। लेकिन प्राय लोग दो नवरात्रों के बारे में ही जानते हैं। हिन्दू पंचाग के अनुसार चैत्र यानि मार्च-अप्रैल में वासंतीय नवरात्र आते हैं। अश्विन मास में आने वाले नवरात्र मुख्य नवरात्र होते हैं, इन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है।
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इसके अलावा एक वर्ष के भीतर 2 गुप्त नवरात्र भी मनाई जाती है जो गृहस्थों के लिए नहीं होती है। इसी कारण गुप्त नवरात्रों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। यह दोनों नवरात्र आषाढ़ यानि जून-जुलाई और दूसरा माघ यानि जनवरी-फरवरी में आते हैं। इस प्रकार से साल में चार नवरात्र आते हैं। दो गुप्त नवरात्रों में ऋषि मनीषि साधना और आराधना करते हैं।
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गुप्त नवरात्र विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।
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