हमने आपको ये तो बता दिया कि ज्योतिषशास्त्र क्या होता है। ज्योतिष की उत्पत्ति कब और कैसे हुई इसके बारे में आज तक पता नहीं लगाया जा सकता है। ज्योतिष को वेद का नेत्र माना जाता है और माना जाता है कि वेदों की उत्पत्ति के साथ ही ज्योतिष की उत्पत्ति हुई। इसीलिए जितने पुराने वेद हैं, उतना ही पुराना ज्योतिषशास्त्र है।
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ज्योतिषशास्त्र में एक शब्द का बार-बार प्रयोग किया जाता है वो शब्द है दैवज्ञ, ये क्या है हम आपको इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं....
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आपको बता दें कि ज्योतिषशास्त्र के ज्ञाता को ‘‘दैवज्ञ‘‘ के नाम से जाना जाता है। दैवज्ञ दो शब्दों से मिलकर बना है। दैव + अज्ञ। दैव का अर्थ होता है, भाग्य और अज्ञ का अर्थ होता है जानने वाला। अर्थात् भाग्य को जानने वाले को दैवज्ञ कहते है।
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