आजकल अधिकतर घरों में कुत्ता पाला जाता है, कुत्ता एक वफादार जानवर तो है ही इसके साथ ही वह घर की रखवाली भी करता है। शकुन शास्त्र में भी कुत्ते को बहुत महत्व दिया गया है। शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न कहा गया है, शकुन शास्त्र के अनुसार कुत्ते के क्रिया-कलापों को देखकर भविष्य में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में....
यदि कुत्ता बाएं घुटने को सूंघते हुए दिखे तो धन प्राप्ति हो सकती है तथा दाहिने घुटने को सूंघता दिखे तो पत्नी से झगड़ा हो सकता है। बांई जांघ को सूंघे तो स्त्री से समागम और दाईं जांघ को सूंघे तो मित्र से वैर होने की संभावना रहती है।
भोजन करते समय यदि कोई कुत्ता आपके सामने आकर अपनी पूंछ उठाकर सिर को हिलाता है तो वह भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भोजन करने से रोगी होने की संभावना रहती है।
यदि किसी यात्री को देखकर कुत्ता भय से या क्रोध से गुर्राता है अथवा बिना किसी कारण से इधर-उधर चक्कर काटे तो उस यात्रा करने वाले को धन की हानि हो सकती है।
यदि कुत्ता अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करे तो उस स्थान पर गड़ा धन होने की संभावना होती है।
यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को कुत्ता अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे तो उस व्यक्ति को धन लाभ होने की संभावना बनती है।
जिसके घर में कोई कुत्ता बहुत देर तक आकाश, गोबर, मांस, विष्ठा देखता है तो उस मनुष्य को सुंदर स्त्री की प्राप्ति और धन का लाभ होने के योग बनते हैं।
शकुन शास्त्र के अनुसार यदि किसी रोगी के सामने कुत्ता अपनी पूंछ को बार-बार चाटे तो बहुत ही जल्दी उस रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है।
यात्रा के लिए जाते हुए यदि कोई कुत्ता बांई ओर संग-संग चले तो सुंदर स्त्री और धन की प्राप्ति हो सकती है। यदि दाहिनी ओर चले तो चोरी या और किसी प्रकार से धन हानि की सूचना देता है।
यदि किसी जुआरी को जुआ खेलते जाते समय दाईं ओर कुत्ता मैथुन करता मिले तो उसे जुएं में अत्यधिक लाभ होने की संभावना रहती है।
यदि किसी स्थान पर बहुत से कुत्ते एकत्रित होकर भौंके तो वहां रहने वाले लोगों पर कोई बड़ी विपत्ति आती है या फिर वहां के लोगों में भयंकर लड़ाई-झगड़ा होता है।