फव्वारा जल तत्व को बढ़ावा देता है, जल का संबंध कमाई के साथ देखा जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार एक फव्वारा सकारात्मक माहौल उत्पन्न करता है। पानी धन का प्रतीक होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार चलते हुए पानी के फव्वारे को अगर गलत स्थान में रखा जाए तो वहां पर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा कम होने लगती है। ऐसे में फव्वारे को किस दिशा या स्थान पर रखा जाए इसके बारे में किसी वास्तुविशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक होता है...
राशिफल : 16 फरवरी : कैसा रहेगा आपके लिए गुरूवार का दिन, जानने के लिए क्लिक करें
फव्वारा रखने से होते हैं ये लाभ :-
वास्तुशास्त्र के अनुसार जब व्यक्ति तनाव में घर लौटता है तो फव्वारा देखकर उसके मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलती है।
वहीं अगर आपके पैसे का आवागमन रुक गया है तो भी आप इसे उपयोग मे ला सकते है।
वास्तुदोष दूर करने के लिए घर में रखें तांबे का पिरामिड
वास्तुशास्त्र के अनुसार फव्वारा हमेशा उत्तर-पूर्व में रखना चाहिए। यह हमेशा बहता रहना चाहिए। रुका हुआ फव्वारा धन की हानि करता है।
फव्वारा मुख्य द्वार के बायीं और रहना चाहिए। मुख्य द्वार के सामने नहीं रहना चाहिए।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
(Source - Google)
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
दरवाजे पर तोरण बांधने से दूर होता है वास्तुदोष
माघी पूर्णिमा पर करें ये उपाय, चमक उठेगी किस्मत
जानिए! सूर्य और वास्तुशास्त्र के संबंध के बारे में