शास्त्रों के अनुसार रात का समय इन्द्र पत्नी रति को समर्पित है। रति का उद्गमन रात्रि शब्द से हुआ है। चराचर जगत में देवी महालक्ष्मी को रात की देवी कहा गया है। अगर गुरूवार को रात में कुछ काम किए जाते हैं तो उन कार्यों को करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में दुख और दरिद्रता उत्पन्न कर देती हैं इसलिए गुरूवार की रात को ये कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए....
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गुरूवार को रात के समय अपने जीवन साथी से झगड़ा न करें।
रात को सोने से पहले अपने बाल बांध लें क्योंकि गुरूवार की रात को बाल खोलकर सोने से लक्ष्मी जी क्रोधित होती हैं।
गुरूवार को भूलकर भी नाखुन न काटें। इसके अलावा गुरूवार को रात में शेव करना, बाल कटवाना, कपड़े धोना आदि कार्य न करें।
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गुरूवार को रात के समय चाबियों का छल्ला न हिलाएं।
गुरूवार की रात को चावल न खाएं और न ही सफेद दूध पीएं। अगर दूध पीना है तो उसमें कुछ मिलाकर उसका रंग बदल लें।
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