हिंदू धर्म के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके शरीर का नाश होता है लेकिन आत्मा अमर होती है और वो कभी नहीं मरती है। इसी कारण माना जाता है कि आत्मा दूसरा शरीर धारण कर पुनः जन्म लेती है। आत्मा को दूसरा शरीर धारण करने में कितना समय लगता है इसके बारे में वेद और पुराणों में भिन्न-भिन्न उल्लेख मिलता है। आइए आपको बताते हैं आत्मा दूसरा शरीर कब धारण करती है......
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उपनिषद कहते हैं कि अधिकतर मौकों पर तत्क्षण ही दूसरा शरीर मिल जाता है फिर वह शरीर मनुष्य का हो या अन्य किसी प्राणी का। पुराणों के अनुसार मरने के 3 दिन में व्यक्ति दूसरा शरीर धारण कर लेता है इसीलिए तीजा मनाते हैं। कुछ आत्माएं 10 और कुछ 13 दिन में दूसरा शरीर धारण कर लेती हैं इसीलिए 10वां और 13वां मनाते हैं। कुछ सवा माह में अर्थात लगभग 37 से 40 दिनों में।
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यदि वह प्रेत या पितर योनि में चला गया हो, तो यह सोचकर 1 वर्ष बाद उसकी बरसी मनाते हैं। अंत में उसे 3 वर्ष बाद गया में छोड़कर आ जाते हैं। माना जाता है कि यदि व्यक्ति प्रेत या पितर योनि में है तो अब गया में ही उसे रहना है, वहीं से उसकी मुक्ति होगी।
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